रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने टेक और रीटेल बिजनेस के लिए 6.5 अरब डॉलर जुटाए। अंबानी तेल कारोबार पर निर्भरता कम करना चाहते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार फैलाना चाहते हैं। इसके साथ ही वह अपने बच्चों आकाश, ईशा और अनंत के बीच बिजनस को बांटना चाहते हैं।
हांगकांग की एक वेबसाइट के अनुसार, अंबानी ने अपनी उत्तराधिकार योजना के बारे में कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है लेकिन जानकारों का कहना है कि अंबानी ने जिस तरह रीटेल और डिजिटल में कारोबार बढ़ाया है, उससे साफ है कि वह बिजनस की कमान अगली पीढ़ी के हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।
कॉरपोरेट वकील राजेश गुप्ता ने कहा, ''रिलायंस अपनी शानदार प्लानिंग और उसे लागू करने के लिए जाना जाता है। गुप्ता ने ग्राहकों को धन और उभरते नुमाइंदे को पहचानने की सलाह दी है। उन्होंने एसएनजी एंड पार्टनर्स में प्रबंध भागीदार को भी जोड़ा। राजेश गुप्ता का कहना है कि ये सभी घटनाक्रम वरिष्ठ पेशेवरों और परिवार के बीच गंभीर विचार-विमर्श के बाद आए हैं।
रिलायंस का कारोबार अब भी काफी हद कर क्रूड ऑयल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स पर निर्भर है। लेकिन इसकी रीटेल कंपनी रिलायंस रीटेल रेवेन्यू के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी है। अगर फ्यूचर ग्रुप के साथ इसका सौदा पूरा होता है तो फिर रीटेल में रिलायंस का दबदबा कायम हो जाएगा। अंबानी के बच्चे अपनी पसंद के हिसाब से पहले ही रिलायंस के कारोबार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अंबानी के जुड़वा बच्चों ईशा और आकाश ने कंपनी के डिजिटल कारोबार में उतरने पर जोर दिया था।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का हिस्सा जियो, जो दूरसंचार सेवाओं के साथ-साथ गाने और मूवी ऐप के माध्यम से ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी का निवेशकों को आकर्षित करना जारी है, जिसमें फेसबुक और गूगल की भी हिस्सेदारी है। गुरुवार को फेसबुक को केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप के माध्यम से भुगतान सेवा संचालित करने की मंजूरी दे दी है, जो सबसे बड़ा बाजार बन गया है और अंबानी के लिए ये अमेरिकी कंपनियां अभिन्न होंगी। अमेजन और वालमार्ट के तहत आने वाली कंपनी फ्लिपकार्ट की ई-कॉमर्स में लेने की उनकी योजना है।
इससे पहले खबर आई थी कि मुकेश अंबानी एक 'फैमिली कौंसिल' यानी पारिवारिक परिषद बनाने जा रहे हैं ताकि उनके कारोबार को अगली पीढ़ी तक आसानी से ट्रांसफर किया जा सके। इस फैमिली कौंसिल में अंबानी के तीनों बच्चे आकाश, ईशा और अनंत के साथ ही परिवार का एक वयस्क सदस्य होगा। हालांकि इस पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था।
गौरतलब है कि मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी के बीच रिलायंस की विरासत को लेकर काफी लंबे समय तक विवाद चला था। शायद इसी को देखते हुए मुकेश अंबानी ने यह कौंसिल बनाने का निर्णय लिया हो। आने वाले समय में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान मुकेश अंबानी के बच्चों के हाथ में होगी। जाहिर है इतनी बड़ी संपदा की बाद में हिस्सेदारी को लेकर विवाद भी हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि साल 2002 में धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद रिलायंस की विरासत को लेकर मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में कई साल तक विवाद चला था। कई साल की मशक्कत और मां कोकिला बेन की दखल के बाद कंपनी को दो हिस्सों में बांटा गया। मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्रीज का बिजनेस मिला, जबकि अनिल अंबानी के हिस्से में कम्युनिकेशन, पावर, फाइनेंशियल बिजनेस आया।