नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) की इलाहाबाद बैंच ने गुरुवार को देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शामिल जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाल दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोर्ट ने ये फैसला आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इस फैसले से जेपी बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले हजारों लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जेपी बिल्डर के फ्लैट की बुकिंग कराने वाले लोगों को भी घर मिलने में मुश्किल आ सकती हैं।
National Company Law Tribunal bench admits IDBI Bank's insolvency petition against Jaypee Infratech Ltd.
— ANI (@ANI) August 10, 2017
जेपी इंफ्राटेक के अलावा 11 अन्य कंपनियों को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाला गया है। इनमें मोनट इस्पात, ज्योति स्ट्रक्चर्स, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, एमटेक ग्रुप, एस्सर स्टील, भूषण स्टील, भूषण पॉवर एंड स्टील, जेपी इंफ्राटेक, लैंको इंफ्राटेक, एबीजी शिपयार्ड, आलोक इंडस्ट्रीज और एरा इंफ्रा एंड इंजीनियरिंग के नाम भी शामिल हैं।
जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित किए जाने के बाद अब कुल 270 दिनों का समय दिया जाएगा। इस समय के दौरान कंपनी को अपनी आर्थिक स्थिति सुधार कर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूल के सामने अपना पक्ष रखना होगा। अगर कंपनी अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में नाकाम रहती है तो फिर कंपनी की तमाम संपत्ति को नीलाम करके कर्ज की रकम वसूली जाएगी।