उत्तर और पूर्वी भारत में आज से लोग मैकडॉनल्ड्स के बर्गर का स्वाद नहीं चख पाएंगे। मैकडॉनल्ड ने कहा है कि कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) उसका ब्रैंड नेम और ट्रेड मार्क छह सितंबर से इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इस वजह से मैकडॉनल्ड के 169 आउटलेट में काम करने वाले करीब 7000 लोगों की अपनी नौकरी जाने का डर सता रहै है।
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने आज विक्रम बक्शी की याचिका भी खारिज कर दी। याचिका में बक्शी ने मैकडॉनल्ड की ओर से उनकी फ्रेंचाइजी कैंसिल करने के मामले पर राहते देने की अपील की थी। एनसीएलटी ने कहा है कि मामला पहले से ही अपीलेट ट्रिब्यूनल में है इसलिए याचिका खारिज की जाती है। वहीं दूसरे मामले में एनसीएलटी ने मैकडॉनल्ड को नोटिस भी जारी किया है।
बता दें कि कंपनी मैकडोनाल्ड्स इंडिया और विक्रम बक्शी का संयुक्त उद्यम है जिसमें दोनों की 50:50 फीसदी हिस्सेदारी है। पिछले महीने सीपीआरएल के साथ लाइसेंस समझौता रद्द करने की घोषणा करने वाली मैकडोनाल्ड इंडिया ने कहा कि समझौता समाप्त करने के लिये दिये गये नोटिस की मियाद 5 सितंबर को खत्म हो चुकी है। इसका मतलब यह हुआ कि देश के उत्तर और पूर्वी इलाकों में बुधवार से मैकडॉनल्ड्स के 169 स्टोर्स पर बंदी की तलवार लटक गई है। सीआरपीएल बोर्ड दिल्ली में चल रहे 55 में से 43 मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को 29 जून 2017 से ही बंद कर चुका है।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही मैकडोनाल्ड्स इंडिया ने उत्तर और पूर्वी भारत में 169 रेस्तरां के लिए कनाट प्लाजा रेस्तरां के साथ किए समझौते को रद्द कर दिया था। इसके तहत अब ये 169 रेस्तरां मैकडोनाल्ड्स इंडिया का ट्रेडमार्क, खाद्य पदार्थ बनाने का तरीका और अन्य चीजों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। आपको बता दें कि मैकडोनाल्ड के 43 रेस्तरां जून से पहले ही बंद हैं।