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नोटबंदी के बाद शुरू कालेधन पर लगाम की योजना फ्लॉप !

राजस्व सचिव हंसमुख अढिया ने बताया कि योजना का रेस्पॉन्स सरकार की 'उम्मीदों के मुताबिक' नहीं रहा है।
नोटबंदी के बाद शुरू कालेधन पर लगाम की योजना फ्लॉप !

नोटबंदी के बाद काले धन पर लगाम लगाने के मकसद से लाई गई सरकारी योजना फ्लॉप साबित हुई है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत मार्च के अंत तक सिर्फ 4,900 करोड़ रुपये का कालाधन घोषित किया गया है। 

बता दें कि पीएमजीकेवाई योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर को 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने के बाद शुरू की गई थी और इस साल 31 मार्च को बंद कर दी गई। सरकार ने इस योजना के जरिए अघोषित आय का खुलासा कर उस पर टैक्स और जुर्माने का भुगतान कर लोगों को पाक-साफ होने का मौका दिया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राजस्व सचिव हंसमुख अढिया ने बताया कि पीएमजीकेवाई का रेस्पॉन्स सरकार की 'उम्मीदों के मुताबिक' नहीं रहा है। आयकर विभाग ने इस योजना के जरिए टैक्स के रूप में 2,451 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा, "पीएमजीकेवाई के तहत 21,000 लोगों ने 4,900 करोड़ रुपये कालेधन की घोषणा की। यह अंतिम आंकड़ा है।" 

सरकार ने योजना की शुरुआत पिछले साल दिसंबर में नोटबंदी के बाद की थी ताकि कालाधन रखने वाले लोग टैक्स और 50 प्रतिशत जुर्माना देकर पाक-साफ हो सकें। सरकार ने इस योजना को कालाधन रखने वालों के लिए आखिरी मौका बताया था। योजना के तहत 49.9 फीसदी टैक्स, सेस और जुर्माना देना था। साथ ही कुल अघोषित आय का 25 प्रतिशत ऐसे खाते में चार साल तक रखना था जिसमें कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

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