उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के माहौल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें केंद्र सरकार का सिरदर्द बनी हुई हैं। आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों में कमी आ सकती है क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है। केंद्र सरकार ने अपने इंसरजेंसी स्ट्रैटजिक रिजर्व से 5 मिलियन बैरल कच्चा तेल बाजार में बेचने का फैसला लिया है। ये रिलीज समानांतर रूप से अमेरिका, चीन, जापान और कोरिया सहित दुनिया भर की प्रमुख उपभोक्ताओं के साथ बातचीत के बाद किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के पास 38 मिलियन बैरल कच्चा तेल का रिजर्व है जो देश के पूरब और पश्चिम कोस्टल एरिया में अंडरग्राउंड स्टोर कर रखा गया है जिसमें से 5 मिलियन बैरल तेल अगले 7 से 10 दिनों के भीतर बाजार में उतारा जाएगा। इससे बाजार में कच्चे तेल की उपलब्धता बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतें नीचे आने की संभावना है। अमेरिका और चीन के बाद भारत अभी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता देश है। वहीं इस श्रेणी में जापान, रूस और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी आते हैं।
केंद्र सरकार अपने स्ट्रैटजिक रिजर्व में स्टोर कर रखा गया ये कच्चा तेल मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स और हिदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को बेचेगी जिनकी रिफाइनरी इन रिजर्व से पाईपलाइन के जरिये जुड़ी हुई है। सरकार ने संकेत दिये हैं कि जरुरत पड़ने पर सरकार इन स्ट्रैटजिक रिजर्व से और कच्चा तेल बाजार में बेच सकती है जिससे आम लोगों को महंगे ईंधन की मार से राहत दी जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी घरेलू स्तर पर उच्च पेट्रोलियम डीजल की कीमतों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं, मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करने के लिए, भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 'केंद्रीय उत्पाद शुल्क' में 5 रुपए और 10 रुपए 3 नवंबर 2021 को और इसके बाद कई राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोलियम पर पर वैट में कमी की गई है, सरकार पर भारी वित्तीय बोझ के बावजूद, नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए ये कठिन कदम उठाए गए।