कर्नाटक चुनावों के खत्म होने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आई बढ़ोत्तरी के बाद हर तरफ से सरकार को घेरा जा रहा है। लोगों में नाराजगी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि पेट्रोल की कीमतें तीन चार दिन में कंट्रोल में आ जाएंगी। फिर भी बुधवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो गई।
पिछले 10 दिन से पेट्रोल 2.54 रुपए और डीजल 2.41 रुपए महंगा हुआ है। दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल के दाम 30 पैसे बढ़ाए गए जिसके बाद भाव 77.17 रुपए प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल का भाव 26 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 68.34 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया।
लेकिन एक बात और चौंकाने वाली है कि पड़ोसी देशों में भारत के मुकाबले पेट्रोल-डीजल कम दामों में बिक रहे हैं।
पड़ोसी देशों में काफी सस्ता है पेट्रोल-डीजल
भारत के अलावा अगर बाकी देशों की बात करें तो वहां तेल की कीमते काफी कम है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भारतीय रुपए के मुताबिक पेट्रोल 51.52 है। वहीं, श्रीलंका में पेट्रोल 63.87 रुपए, बांग्लादेश में 71.04 रूपये, भूटान में 57.02 रुपये, नेपाल में 67.50 रुपए, अफगानिस्तान में 47.07 की कीमत जनता से वसूली जा रही हैं। बता दें कि इन सभी देशों की अर्थव्यवस्था भारत के मुकाबले काफी खराब है।
पड़ोसी देशों में पेट्रोल-डीजल के दाम
देश | पेट्रोल (रु./लीटर) | डीजल (रु./लीटर) |
श्रीलंका | 63.91 | 47.07 |
पाकिस्तान | 51.64 | 58.15 |
बांग्लादेश | 71.54 | 52.25 |
भूटान | 57.02 | 54.45 |
नेपाल | 67.64 | 54.37 |
पड़ोसियों के मुकाबले भारत की स्थिति-
पेट्रोल के दाम
शहर | बुधवार के भाव (रु./लीटर) | 13 मई को दाम | बढ़ोतरी (14 मई से 23 मई तक) |
दिल्ली | 77.17 (अब तक का उच्च स्तर) | 74.63 | 2.54 रुपए |
मुंबई | 84.99 | 82.48 | 2.51 रुपए |
कोलकाता | 79.83 | 77.32 | 2.51 रुपए |
चेन्नई | 80.11 | 77.43 | 2.68 रुपए |
डीजल के दाम
शहर | बुधवार के भाव(रु./लीटर) | 13 मई को दाम | बढ़ोतरी (14 मई से 23 मई तक) |
दिल्ली | 68.34 (अब तक का उच्च स्तर) | 65.93 | 2.41 रुपए |
मुंबई | 72.76 | 70.20 | 2.56 रुपए |
कोलकाता | 70.89 | 68.63 | 2.26 रुपए |
चेन्नई | 72.14 | 69.56 | 2.58 रुपए |
विकसित देशों में भी सस्ता है तेल
अगर विकसित देशों की बात करें तो चीन में पेट्रोल 80 रुपए की कीमत पर बिक रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था भारत से काफी बेहतर है। उनकी प्रति व्यक्ति भारत से चार गुना ज्यादा है। ऐसे में उन्हें भी पेट्रोल 80 रुपए में ही मिल रहा है जबकि वो हमसे ज्यादा मंहगा खरीद सकते हैं। इस हिसाब से दक्षिण पूर्वी एशिया में भारत में सबसे ज्यादा तेल की कीमतें हैं।
कीमतों में बढ़ोतरी की 5 वजह
1) पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने पिछले दिनों प्रोडक्शन घटाया है, जिससे मांग बढ़ी है और तेल के दामों में इजाफा हुआ है।
2) अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के बेंचमार्क रेट 84.97 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। 24 अप्रैल को ये 74.84 डॉलर प्रति बैरल थे।
3) पिछले हफ्ते क्रूड का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा। नवंबर 2014 के बाद पहली बार दाम इस स्तर पर पहुंचे हैं।
4) डॉलर के मुकाबले रुपया 68 के पार पहुंच गया, जिससे तेल का इंपोर्ट महंगा हुआ है। भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा क्रूड इंपोर्ट करता है।
5) कर्नाटक चुनाव से पहले दाम स्थिर रखने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ के घाटे का अनुमान है। ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियां लगातार कीमतें बढ़ा रही हैं।
आने वाले समय में नहीं मिलेगी राहत?
अनुमान ऐसा लगाया जा रहा है कि आने वाले वक्त में तेल की कीमतों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसकी वजह है भारत पेट्रोल की खपत वाला दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है। ऐसे में तेल की जरुरतों को कम नहीं किया जा सकता है और तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही है। ऐसे में अभी इससे राहत की उम्मीद लगाना थोड़ा मुश्किल लग रहा है।