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पीएम मोदी ने फिक्की की बैठक में उसी से पूछे सवाल, यूपीए सरकार को भी घेरा

फिक्की की 90वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बैंकों के एनपीए को लेकर यूपीए सरकार और औद्योगिक...
पीएम मोदी ने फिक्की की बैठक में उसी से पूछे सवाल, यूपीए सरकार को भी घेरा

फिक्की की 90वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बैंकों के एनपीए को लेकर यूपीए सरकार और औद्योगिक संगठनों पर निशाना साधा है। औद्योगिक संगठन फिक्की के मंच से ही उद्योगपतियों और पूर्व सरकार के गठजोड़ पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जब सरकार में बैठे कुछ लोगों द्वारा बैंकों पर दबाव डाल कर कुछ विशेष उद्योगपतियों को लोन दिलवाया जा रहा था, तब फिक्की जैसी संस्थाएं क्या कर रही थीं?'

मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में कहा, 'उस दौरान कुछ बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए। बैकों पर दबाव डाल कर पैसा दिलवाया गया।' पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे जानकारी नहीं है कि पहले की सरकार की नीतियों ने जिस तरह बैंकिंग सेक्टर की दुर्दशा की, उस पर फिक्की ने कोई सर्वे किया है या नहीं? आजकल NPA का जो हल्ला मच रहा है, वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों की, इस सरकार को दिया गया सबसे बड़ा बोझ है।'

बैंकिंग सिस्टम में अव्यवस्था और एनपीए की समस्या को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए पीएम ने कहा, 'साथियों, बैंकिंग सिस्टम की इस दुर्दशा को ठीक करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। बैंकों का हित सुरक्षित होगा, ग्राहकों का हित सुरक्षित होगा, तभी देश का हित भी सुरक्षित रहेगा।'

बैंकों पर एनपीए के बोझ को लेकर यूपीए सरकार पर अटैक करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'ये एनपीए यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला था। कॉमनवेल्थ, टूजी, कोयला जैसे घोटालों से कहीं बड़ा घोटाला था। जो लोग मौन रहकर सब कुछ देखते रहे क्या उन्हें जगाने की कोशिश किसी संस्था द्वारा की गई।' पीएम मोदी की इस टिप्पणी को परोक्ष रूप से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है।

FRDI बिल के बारे में

उन्होंने कहा कि FRDI को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सरकार ग्राहकों के हित सुरक्षित करने के लिए, बैंकों में जमा उनकी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है, लेकिन खबरें इसके ठीक उलट फैलाई जा रही हैं। भ्रमित करने वाली ऐसी कोशिशों को नाकाम करने में फिक्की जैसी संस्था का योगदान जरूरी है।

मोदी ने कहा, ''मेरी एक और अपेक्षा आपसे है कि MSME का जो पैसा बड़ी कंपनियों पर बकाया रहता है, वो समय पर चुकाया जाए, इसके लिए भी कुछ करिए। नियम है लेकिन ये भी सच है कि छोटे उद्यमियों का पैसा ज्यादातर बड़ी कंपनियों के पास अटका रहता है।

मोदी ने कहा कि ऐसी बहुत सी वजहें थीं, जिनकी वजह से हमारा देश पिछली शताब्दी में औद्योगिक क्रांति का पूरी तरह लाभ नहीं उठा पाया।आज बहुत सी वजहें हैं, जिसकी वजह से भारत एक नई क्रांति की शुरुआत कर सकता है।

उन्होंने यूपीए सरकार पर सवाल दागा कि क्यों ऐसा हुआ कि बिल्डरों की मनमानी की खबर पहले की सरकार तक नहीं पहुंची। जिंदगी भर की कमाई बिल्डर को देने के बाद भी घर नहीं मिल रहे थे। RERA जैसे कानून पहले भी तो बनाए जा सकते थे, लेकिन नहीं बने। मध्यम वर्ग की इस दिक्कत को सरकार ने ही समझा और बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े सुधार किए गए हैं। रक्षा सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, फाइनेंसियल सर्विसेज, फूड प्रोसेसिंग जैसे कितने ही सेक्टरों में बड़े बदलाव हुए हैं। इसी का नतीजा आपको अर्थव्यवस्था से जुड़े अलग-अलग पैरामीटर्स में नजर आ रहा है।

उन्होंने कहा कि आप देखेंगे कि सरकार देश के नौजवानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है, योजनाएं बना रही है। इसका बिल्कुल उल्टा आपको पिछली सरकार में देखने को मिलेगा। उस दौरान कुछ बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए, बैंकों पर दबाव डालकर पैसा दिलवाया गया।


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