रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नोटबंदी के बाद जारी हुए दो हजार के नोटों की छपाई कम कर दी है। हालाकि इसकी छपाई बंद करने को लेकर पिछले कई महीने से चर्चा चल रही थी लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार को इस पर मुहर लगा दी।
8 नवंबर 2016 को पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद करने की घोषणा के बाद दो हजार का नोट मार्केट में आया था। इसके साथ ही 500 के नए नोट भी छापे गए थे। इस दौरान 200 रुपये का नोट भी जारी किया गया। आरबीआई के सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार ने तय किया था कि मनी सर्कुलेशन के मुताबिक रुपये छापने का काम जारी रखा जाएगा। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।
विपक्षी दलों ने लगाया था आरोप
आंकडों के मुताबिक, मार्च 2018 तक दो हजार रुपये के नोट18037 ट्रिलियन सुर्कुलेशन में थे यानी कुल 37.3 फीसदी। नवंबर,2016 में जब यह नोट लाए गए तो तो यह कुल राशि का 86 फीसदी थे।
वहीं, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि दो हजार के नोट की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बढ़े हैं।
नोटबंदी से हुई थी लोगों को परेशानी
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन पूरी तरह बंद कर दिया गया था। हालांकि बैंकों से नोट बदलने की प्रक्रिया 30 दिसंबर 2016 तक जारी रही और उसके बाद 500 और 1000 के पुराने नोट पूरी तरह चलन से बाहर हो गए। सरकार के मुताबिक, नोटबंदी का मकसद केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।
सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ था और इस मामले में कांग्रेस मोदी सरकार पर काफी हमलावर रही। वहीं, लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।