दिवालिया होने जा रही रिलायंस कम्युनिकेशंस से अनिल अंबानी को अभी छुटकारा मिलने वाला नहीं है। कंपनी के निदेशक और चेयरमैन पद से अनिल अंबानी और दूसरे निदेशकों का इस्तीफा कंपनी के कर्जदाताओं ने खारिज कर दिया है। कर्जदाताओं ने अबंानी को कंपनी के लिए चल रही दिवालिया समाधान प्रक्रिया में सहयोग करने को कहा है।
एकमत से इस्तीफा खारिज किया
अंबानी के साथ चार निदेशकों रियाना करणी, छाया विरानी, मंजरी काकेर और सुरेश रंगचार ने इस महीने के शुरू में इस्तीफे दिए थे। बीएसई को रेगुलेटरी फाइलिंग में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) की बैठक 20 नवंबर को हुई। कमेटी का एकमत से कहना था कि ये इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं।
कंपनी ने कहा कि आरकॉम के इन निदेशकों को सूचित कर दिया गया है कि उनके इस्तीफे अस्वीकार किए गए हैं। उन्हें कंपनी के निदेशक के तौर अपनी ड्यूटी निभाने और कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस में रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को पूरा सहयोग देने की सलाह दी गई है।
बीती तिमाही में कंपनी को 30,142 करोड़ का घाटा
आरकॉम को बीते सितंबर सितंबर में 30,142 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है। वैधानिक देनदारियों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कंपनी द्वारा देनदारियों का प्रावधान किए जाने के कारण घाटा काफी बढ़ गया। किसी भारतीय कंपनी द्वारा अब तक यह सबसे ज्यादा तिमाही घाटा है। वोडाफोन आइडिया ने 50,921 करोड़ रुपये घाटे की बात कही है।
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी
कंपनी के खिलाफ उस समय दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई थी जब स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन ने बकाए का भुगतान न होने के कारण दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन दाखिल किया था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने कंपनी का नियंत्रण इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल के हाथों में दे दिया था।