ऐसे समय जब कोरोना वायरस के प्रकोप से बिगड़ती अर्थव्यवस्था को सरकार से बड़ी मदद की उम्मीद थी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ प्रक्रियागत उपायों की घोषणा की है। ये उपाय ऐसे हैं जिनसे सरकार के खजाने पर कोई बोझ नहीं पड़ने वाला। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जिन कदमों की घोषणा की उनमें 3 महीने तक दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क से छूट, मिनिमम बैलेंस से राहत और आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज का ऐलान बाद में किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में जो नुकसान होगा उसे तो रोका नहीं जा सकता लेकिन सरकारें राहत उपायों की घोषणा जल्दी करके दीर्घकाल में होने वाले नुकसान को सीमित कर सकती हैं। इसके बावजूद भारत में अभी तक किसी आर्थिक पैकेज का ऐलान नहीं किया गया है।
दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क नहीं लगेगा
वित्त मंत्री ने कहा कि डेबिट कार्ड होल्डर 3 महीने यानी 30 जून तक किसी भी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे और इसके लिए उन्हें कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ेगा। अभी दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने पर शुल्क देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बचत बैंक खाताधारकों को अपने खाते में न्यूनतम राशि जमा करने रखने की शर्त से भी छूट रहेगी। अभी न्यूनतम राशि नहीं रखने पर बैंक शुल्क लेते हैं। कारोबारियों के लिए डिजिटल ट्रेड पर बैंकिंग ट्रांजैक्शन चार्ज भी कम करने का फैसला किया गया है।
30 जून तक फाइल कर सकेंगे 2018-19 का इनकम टैक्स रिटर्न
वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। देर से टैक्स जमा करने पर लगने वाले ब्याज की दर 12 फ़ीसदी से घटाकर 9 फ़ीसदी की गई है। आधार और पैन को जोड़ने की समय सीमा भी 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। विवाद से विश्वास स्कीम की अवधि भी 30 जून तक बढ़ाई गई है। पहले 31 मार्च तक बिना जुर्माना या ब्याज के टैक्स की रकम चुकाई जा सकती थी। अब यह सुविधा 30 जून तक मिलेगी। पहले 1 अप्रैल से 30 जून तक इस स्कीम का लाभ लेने के लिए टैक्स डिमांड की रकम का 10 फ़ीसदी जुर्माना देने का नियम था।
जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ी
मार्च से मई महीने तक के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 30 जून कर दी गई है। देर से रिटर्न फाइल करने पर 5 करोड रुपए तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को लेट फीस पेनल्टी या ब्याज नहीं देना पड़ेगा। 5 करोड से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियां भी अगर 15 दिन की देरी से रिटर्न फाइल करती है तो उन्हें लेट फीस या जुर्माना नहीं लगेगा इसके बाद 18 फ़ीसदी की जगह 9 फ़ीसदी की दर से जुर्माना लगेगा
बिजनेस शुरू करने और बोर्ड मीटिंग की शर्त में छूट
कॉरपोरेट जगत के लिए कुछ और घोषणाएं हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों से जो टीडीएस काटती हैं उन्हें सरकार के पास जमा कराना पड़ता है। इसमें देरी पर 18 फ़ीसदी ब्याज लगता है। इसे घटाकर 9 फ़ीसदी कर दिया गया है। नई कंपनियों को 6 महीने में बिजनेस शुरू करने का सर्टिफिकेट देना पड़ता है, इसे बढ़ाकर 1 साल कर दिया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर से काम करने को कह रही हैं। इसलिए अनिवार्य बोर्ड मीटिंग से कंपनियों को अगली दो तिमाही के लिए 60 दिन की राहत दी गई है।
कुछ समय के लिए सस्पेंड हो सकता है दिवालिया कानून
देश के बड़े हिस्से में अभी लॉक डाउन चल रहा है। इसलिए कंपनियों की बिक्री भी ठप पड़ी हुई है। इस कारण बहुत सी कंपनियों के सामने दिवालिया होने का संकट आ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए दिवालिया कानून आईबीसी के तहत फाइलिंग की न्यूनतम सीमा एक लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अगर हालात आगे भी खराब रहे तो आईबीसी को कुछ समय के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।