यूबीएम इंडिया ने रिन्यूबल एनर्जी इंडिया (आरईआइ) एक्स्पो का आयोजन आगामी सात से नौ सितंबर तक कर रही है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्स्पो सेंटर में आयोजित होने वाले इस एक्सपो में भारत के अलावा जापान, स्विट्जरलैंड, यूएसए, कोरिया, ताइवान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाडा, मलेशिया, नीदरलैंड्स, ईजरायल, जर्मनी, स्पेन, सिंगापुर, बेल्जियम आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस आयोजन को नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार (एमएनआरई), इंडियन रिन्यूबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (आइआरईडीए), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआइ), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विंड एनर्जी (एनआइडब्लूई) और इंडो जर्मनी एनर्जी फोरम (आइजीईएफ) व ब्लूमबर्ग न्यू एर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ) का भी सहयोग प्राप्त है।
आरईआइ एक वैश्विक मंच है जहां विदेशी प्रतिभागियों सहित भारत का हरित आर्थिक समुदाय उद्योग के रुझानों, चुनौतियों, भारतीय विनामकीय ढांचे सहित बाजार की जानकारियों पर चर्चा करने के लिए एकजुट होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों के आवेदनों को बढ़ाना और उन्हें मुख्य धारा में लाना, उत्पाद लांच, नवाचारों को प्रदर्शित करना और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन मंच से पूर्वविचारों को प्रस्तुत करना है।
रिन्यूबल एनर्जी इंडिया के इस आयोजन के बारे में यूबीएम के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास कहते हैं कि भारत ऊर्जा की मांग में तेज एवं स्थायी विकास के दौर के लिए तैयार है। हरेक घर तक बिजली पहुंचाने की सरकार की योजना के हिस्से के रूप में वर्ष 2022 तक इसकी अक्षय ऊर्जा क्षमता को चैगुना करने की योजना बनाई गई है। मुद्रास कहते हैं कि भारत में दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी निवास करती है और यह दुनिया की महज 6 प्रतिशत प्राथमिक ऊर्जा का उपयोग करता है। भारत में बिजली की खपत 2000 से लगभग दोगुनी हो गई है और यहां विकास का असीम सामर्थ्य है।