बैंकों और आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने और विदेशी पूंजी निकासी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 72.03 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में पिछले बंद की तुलना में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था। रुपया शुक्रवार को 71.66 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव बढ़ने के संकेतों से भी रुपये पर दबाव रहा।
कारोबारियों का कहना है कि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती और विदेशी पूंजी की निकासी से घरेलू मुद्रा पर दबाव रहा। हालांकि, घरेलू शेयर बाजार की मजबूत शुरुआत, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों ने रुपये की गिरावट को रोकने का प्रयास किया।
चीनी मुद्रा में भी भारी गिरावट
इस बीच सोमवार को चीन की मुद्रा वैश्विक मंदी और अमेरिकी व्यापार युद्ध पर चिंताओं के बीच 11 वर्षों में अपने सबसे निचले बिंदु पर पहुंच गई। 2008 की शुरुआत में एशियाई कारोबार में ऑनशोर युआन 7.1487 अमेरिकी डॉलर तक गिर गया था, जो इसका सबसे कमजोर बिंदु था।
सरकार की घोषणाओं का दिख सकता है असर
फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) पर प्रस्तावित सरचार्ज को सरकार द्वारा हटाने के फैसले से कारोबार में रुपये में हल्की मजबूती दिख सकती है।
सरकार ने शुक्रवार को विदेशी और घरेलू इक्विटी निवेशकों पर बढ़े हुए सुपर रिच टैक्स के रोलबैक, 'एंजल टैक्स' से स्टार्टअप्स को छूट देने, ऑटो सेक्टर में संकट को दूर करने के लिए एक पैकेज और 70 करोड़ करोड़ रुपये के अपफ्रंट इन्फ्यूजन सहित कई उपायों की घोषणा की थी।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा में 0.91 प्रतिशत गिरावट
वहीं वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.91 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58.80 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। सुबह के कारोबार में 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड 6.52 फीसदी थी।