सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की सहारा समूह की पुणे स्थित एंबे वैली टाउनशिप की नीलामी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एके सिकरी की विशेष पीठ सहारा समूह के वकीलों की दलीलों से संतुष्ट नजर नहीं आयी और उसने नीलामी पर रोक लगाने संबंधी सहारा की अपील को ठुकरा दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एंबी वैली के लिए नीलामी नोटिस जारी करने की मंजूरी दे दी है और तय योजना के तहत वैली की नीलामी शुरु हो जाएगी।
Sahara SEBI Case: Supreme Court declined to stay the auction of Aamby Valley
— ANI (@ANI) August 10, 2017
सहारा ने अपनी याचिका में कहा था कि एंबी वैली की नीलामी प्रक्रिया फिलहाल रोकी जाए क्योंकि रुपये वापस करने के लिए वो किसी और प्लान पर काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया, "निवेशकों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया जारी है। पेमेंट प्लान के रिव्यू के लिए कुछ और समय दिया जाए।"
इससे पहले 25 जुलाई को शीर्ष अदालत ने एंबी वैली की नीलामी के लिए मंजूरी दे दी थी। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि अगर सहारा समूह सात सितंबर तक 1,500 करोड़ रुपये जमा करा देता है और बकाया राशि के भुगतान की उचित योजना पेश करता है तो इसकी नीलामी प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा।
क्या है मामला
गौरतलब है कि सहारा ग्रुप की कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 3 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्टर्स से 17,400 करोड़ रुपए जुटाए थे। सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा किए, जिसके बाद सेबी ने अगस्त 2010 में दोनों कंपनियों की जांच का ऑर्डर दिया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आ गया था। 31 अगस्त 2012 को शीर्ष अदालत ने सहारा समूह को किस्तों में 15 फीसदी ब्याज सहित निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था। सहारा समूह अब तक 16,000 करोड़ रुपये लौटा चुका है।