इंडियन टुबैको कंपनी लिमिटेड (आईटीसी) ने संजीव पुरी को अपना नया चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त करने का ऐलान किया है। पुरी अभी तक कंपनी के एमडी के तौर पर काम कर रहे थे। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने निर्णय लिया कि संजीव 13 मई से बतौर चेयरमैन कंपनी का कार्यभार संभालेंगे।
कंपनी के पूर्व एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ वाईसी देवेश्वर का शनिवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया था। वे लंबे समय से बीमार थे। देवेश्वर दो दशक से ज्यादा आईटीसी के प्रमुख रहे।
उनके निधन के बाद आज आयोजित बैठक में कंपनी के निदेशक मंडल ने 13 मई, 2019 से संजीव पुरी, प्रबंध निदेशक को कंपनी के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया। लिहाजा, पुरी का नया पदनाम चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंडस्ट्री के दो सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि 56 साल के पुरी को देवेश्वर मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ चेयरमैन पद के लिए तैयार कर रहे थे। पहले की योजना के मुताबिक उन्हें मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ चेयरमैन का पद 2021-22 में मिलना था। पुरी को 2017 में आईटीसी का सीईओ और इसके एक साल बाद मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था। वहीं, 2017 में देवेश्वर को आईटीसी का नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन अप्वाइंट किया गया था।
कौन है संजीव पुरी
संजीव पुरी आईटीसी की कॉरपोरेट मैनेजमेंट कमेटी के पहले से ही चेयरमैन हैं, जो कंपनी में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। अमेरिका के वार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस और आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करने वाले पुरी, देवेश्वर की तरह ही शुरू से आईटीसी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कंपनी को 1986 में ज्वाइन किया था।
देवेश्वर का शनिवार को हुआ निधन
आईटीसी के पूर्व एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ वाईसी देवेश्वर का शनिवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया था। वे दो दशक से ज्यादा आईटीसी के प्रमुख रहे।
उनका का जन्म 4 फरवरी 1947 को लाहौर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली आईआईटी और उसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। 1968 में उन्होंने आईटीसी ज्वाइन की। 1996 में वे कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने और 5200 करोड़ रु. रेवेन्यू को 51 हजार 500 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया। देवेश्वर 1991 से 94 तक एयर इंडिया के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) रहे। वे आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड में भी डायरेक्टर रहे। देवेश्वर ने 2017 में आईटीसी का चीफ एग्जीक्यूटिव का पद छोड़ दिया था। इसके बाद वे कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहे।