देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही बैंक की एक साल का एमसीएलआर घटकर 7.90 फीसदी रह गया है जो 10 दिसंबर से लागू होगी।
आरबीआइ ने नहीं घटाया था रेपो रेट
अभी तक एसबीआइ का एक साल का एमसीएलआर 8 फीसदी था। बैंक का कर्ज पूरे देश में सबसे सस्ता बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने के शुरू में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया था। देश के न्यूनतम रेपो रेप के मुकाबले मौजूदा रेपो रेट सिर्फ 0.40 फीसदी अधिक है। आरबीआइ इस साल के शुरू से रेपो पेर में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है।
चालू माह के शुरू में मौद्रिक नीति के समय आरबीआइ ने मौद्रिक नीतियों के बाजार में असर पर कहा था कि मनी मार्केट के विभिन्न वर्गों और प्राइवेट कॉरपोरेट बांड मार्केट में भी ब्याज तार्किक तरीके से और जल्दी घटा है। आरबीआइ ने कहा कि इस साल फरवरी से अक्टूबर तक नीतिगत रेपो रेट 1.35 फीसदी घटाया गया। कॉरपोरेट बांड और अन्य मनी मार्केट्स में ब्याज दर 1.37 फीसदी (एक रात के लिए कॉल मनी मार्केट) से लेकर 2.18 फीसदी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के तीन माह के कॉमर्शियल पेपर) तक घट गई। आरबीआइ ने कहा कि बाहरी बैंचमार्क व्यवस्था लागू होने के बाद से अधिकांश बैंकों ने अपने कर्ज की ब्याज दर आरबीआइ के रेपो रेट से जोड़ दी है।