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आरबीआइ ने पेश की यस बैंक के पुनर्गठन की स्कीम, वित्त मंत्री ने कहा- दोषियों की पहचान होगी

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक ने संकट में घिरे यस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई...
आरबीआइ ने पेश की यस बैंक के पुनर्गठन की स्कीम, वित्त मंत्री ने कहा- दोषियों की पहचान होगी

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक ने संकट में घिरे यस बैंक में निवेश करने की इच्छा जताई है। आरबीआइ ने यस बैंक के पुनर्गठन की योजना का भी खुलासा किया है। इसके अनुसार रणनीतिक निवेशक को बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यस बैंक में जांच एजेंसियों को कई तरह की अनियमितताएं मिलीं। सरकार इसके लिए दोषी लोगों का पता लगाएगी।

बैंक की पूंजी 5000 करोड़ रुपये होगी

यस बैंक रिककंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 के ड्राफ्ट के अनुसार रणनीतिक निवेशक यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी तीन साल से पहले 26 फीसदी से कम नहीं कर पाएगा। यस बैंक की अधिकृत पूंजी घटाकर 5,000 करोड़ रुपये की गई है। इसके विरुद्ध बैंक के 2400 करोड़ शेयर होंगे। प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू दो रुपये होगी। निवेशक को दो-दो रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर आवंटित किए जाएंगे, उनकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर से कम नहीं होगी। इस तरह निवेशक बैंक को आठ रुपये प्रति शेयर प्रीमियम देना होगा। आरबीआइ ने ड्राफ्ट सार्वजनिक करके 9 मार्च तक सभी पक्षों से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।

एसबीआइ ने दिलचस्पी दिखाई

आरबीआइ के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने यस बैंक में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है। वह यस बैंक की रिकंस्ट्रक्शन स्कीम का भागीदार बनना चाहता है। आरबीआइ द्वारा यस बैंक से निकासी सहित कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने के एक दिन बाद रिकंस्ट्रक्शन प्लान जारी किया गया है। प्रतिबंधों के अनुसार अगले तीन अप्रैल तक ग्राहक 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। आरबीआइ ने बैंक के बोर्ड को निलंबित कर भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और सीएफओ प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया है। उनकी अगुआई में ही नए बोर्ड का गठन होगा।

आरबीआइ 2017 से ही निगरानी कर रहा है

इस बीच, वित्त मंत्री ने कहा है कि आरबीआइ 2017 से ही यस बैंक की निगरानी कर रहा है। गवर्नेंस, सुस्त अनुपालन, गलत असेट क्लासीफिकेशन के चलते आरबीआइ ने बैंक की निगरानी बढ़ाई थी। बैंक में कर्जों को लेकर जोखिम भरे फैसलों को देखते हुए उसके प्रबंधन में बदलाव का फैसला किया गया। बैंक में पूंजी बढ़ाने के प्रयास किए गए लेकिन इसमें सफलता न मिलने के कारण आरबीआइ को कार्रवाई करनी पड़ी।

बैंक में कई तरह की गड़बड़ियां मिलीं

बैंक के संकट के कारणों के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने बताया कि जांच एजेंसियों को भी यस बैंक में कई अनियमितताएं मिलीं। उन्होंने आरबीआइ को यस बैंक की गड़बड़ियों की जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने को कहा है।

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