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टाटा सन्स-साइरस मिस्त्री विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम...
टाटा सन्स-साइरस मिस्त्री विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद NCLAT के आदेश पर लगाई रोक

टाटा सन्स और साइरस मिस्त्री के बीच विवाद के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट की तरफ से साइरस मिस्त्री को नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि टाटा ने साल 2016 में साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया था, जिसके बाद रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बने थे।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में उठाए गए सवालों पर साइ‍रस मिस्त्री से जवाब तलब किए हैं। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 18 दिसंबर को दिए अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के कार्यकारी चेयरमैन पद पर फिर से बहाल किए जाने का आदेश दिया था। इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीएलएटी के आदेश में बुनियादी कमी है। कोर्ट ने कहा कि हमने एनसीएलएटी के न्यायिक रवैये को देखा तो यह पाया कि इसमें बुनियादी कमी थी।

जानें क्या था एनसीएलएटी का आदेश

एनसीएलएटी  ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया था और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। पिछले महीने 18 दिसंबर के अपने आदेश में एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया था। एनसीएलएटी ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) ने अपने आदेश में कहा था कि साइरस को फिर से टाटा सन्स का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया जाए।

मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था

इसके पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच ने साइरस मिस्त्री को हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। यह याचिकाएं दो निवेश फर्मों साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट कॉर्प के द्वारा दाखिल की गई थीं। इसके बाद मिस्त्री ने खुद एनसीएलएटी में संपर्क किया था। मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। वह टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे। रतन टाटा की रिटायरमेंट की घोषणा के बाद वह साल 2012 में टाटा सन्स के चेयरमैन बने थे।

जानें क्यों हुआ था विवाद

रतन टाटा कैम्प और कंपनी बोर्ड ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर साइरस मिस्त्री को बाहर कर दिया था। टाटा सन्स के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था। इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा सन्स और रतन टाटा को एनसीएलटी में घसीटा।

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