करीब साल भर से चल रही सेमीकंडक्टर की कमी जल्दी खत्म होती नहीं लग रही है। इसकी कमी से पिछले दिनों दुनिया भर में गाड़ियों का उत्पादन प्रभावित हुआ था। गाड़ियों के लिए तो समस्या का समाधान होता नजर आ रहा है, लेकिन नई समस्या स्मार्टफोन के लिए है। सेमीकंडक्टर से स्मार्टफोन का उत्पादन प्रभावित होने के आसार हैं।
न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सेमीकंडक्टर की कमी 2022 में भी जारी रह सकती है और इसका असर स्मार्टफोन उत्पादन पर हो सकता है। इसके अलावा अप्लायंसेज और कुछ इंडस्ट्रियल इक्विपमेंट के उत्पादन में भी गिरावट आ सकती है।
ताइवान ने चीन में लगाईं नई सेमीकंडक्टर कंपनियां
रिपोर्ट के मुताबिक बीते कई महीने से सेमीकंडक्टर की कमी के कारण दुनियाभर में वाहनों के उत्पादन पर असर हुआ है। सबसे ज्यादा सेमीकंडक्टर का उत्पादन ताइवान में होता है। लेकिन वहां कोविड-19 के चलते उत्पादन में गिरावट आई है। ताइवान की कुछ कंपनियां इसकी भरपाई के लिए चीन में उत्पादन शुरू करने वाली हैं। वे इसके लिए वहां बड़ी फैक्टरियां स्थापित कर रही हैं। इससे वाहनों के लिए सेमीकंडक्टर की मांग काफी हद पूरी हो जाएगी। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार नए मॉडल के स्मार्टफोन के लिए सेमीकंडक्टर का संकट होने वाला है।
2022 की दूसरी तिमाही तक जारी रह सकता है संकट
कई वैश्विक कंपनियों ने आने वाले दिनों में सेमीकंडक्टर की उपलब्धता को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह कमी 2022 की दूसरी तिमाही तक जारी रह सकती है। इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि चिप बनाने वाली कुछ कंपनियां नए चिप और कंपोनेंट के लिए आठ महीने का वक्त ले रही हैं।
सेमीकंडक्टर संकट की आखिर वजह क्या है
पिछले साल जब कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया तो हर जगह वर्क फ्रॉम होम मजबूरी बन गई। घर से काम करने के लिए लैपटॉप, कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे उपकरणों की मांग बढ़ गई। दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण ऑटोमोबाइल की बिक्री कम हो जाने से ऑटो कंपनियों में सेमीकंडक्टर की मांग कम हो गई। उस समय सेमीकंडक्टर कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों से लंबे समय के ऑर्डर लिए। बाद में जब सभी देशों में कोरोना का असर कम होने पर अनलॉक होने लगा तो ऑटोमोबाल कंपनियों के लिए सेमीकंडक्टर का संकट हो गया।