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स्वदेशी जागरण मंच का पीएम मोदी को पत्र, कहा- मॉन्सैंटो कर रही कंपीटिशन एक्ट का उल्लंघन

भारी बहुमत के साथ वापस आने के बाद आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) की ओर से सरकार पर दबाव बनाने...
स्वदेशी जागरण मंच का पीएम मोदी को पत्र, कहा- मॉन्सैंटो कर रही कंपीटिशन एक्ट का उल्लंघन

भारी बहुमत के साथ वापस आने के बाद आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) की ओर से सरकार पर दबाव बनाने का सिलसिला जारी है। इस बार स्वदेशी जागरण मंच के निशाने पर मल्टीनेशन कंपनियां हैं। मॉनसैंटो जैसी मल्टीनेशनल कंपनी की ओर से कथित तौर पर बाजार के कंपीटिशन नियमों के उल्लंघन की शिकायत करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में मंच ने आरोप लगाया है कि बीटी कॉटन बीजों की मनमानी कीमत वसूलने वाली महिको मॉन्सैंटो बायोटेक लिमिटेड (एमएमबीएल) के खिलाफ कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा धीमी गति से कार्रवाई की जा रही है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि कृषि मंत्रालय का भी इस मामले में ढुलमुल रवैया रहा है। मंच का कहना है कि मॉन्सैंटो द्वारा कंपीटीशन एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। 

स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्वनी महाजन ने पत्र में कहा है कि कंपीटिशन एक्ट, 2002 को एंटी-कंपीटिशन समझौतों पर रोक लगाने के लिए लागू किया गया था ताकि प्रमुख उद्यमों द्वारा स्थितियों का दुरुपयोग ना किया जा सके।

'सीसीआई की जिम्मेदारियां'

पत्र के मुताबिक, कंपीटिशन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली गतिविधियों को समाप्त करना, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और प्रतिस्पर्धा बनाए रखना, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और भारत के बाजारों में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना सीसीआई का कर्तव्य है। सीसीआई को प्रतियोगिता के मुद्दों पर राय देने की भी जरूरत होती है।

मंच का कहना है कि सेक्शन 19 (1) (बी) के तहत, सीसीआई को केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सांविधिक प्राधिकरण द्वारा किए गए एंटी-कंपीटिशन समझौतों के बारे में पूछताछ करनी होती है। अगर किसी समझौते का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तो सीसीआई को इन फैक्टर को देखना होता है कि बाजार से मौजूदा प्रतियोगी बाहर तो नहीं हो रहे हैं। उपभोक्ताओं का लाभ हो रहा है या नहीं। वस्तुओं के उत्पादन या वितरण या सेवाओं के प्रावधान में सुधार हो रहा है। वस्तुओं के उत्पादन या वितरण या सेवाओं के प्रावधान द्वारा तकनीकी, वैज्ञानिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। यह सुनिश्चित करना कि कॉर्पोरेट्स द्वारा नागरिकों का शोषण तो नहीं किया जा रहा है। सीसीआई से अपेक्षा की जाती है कि वे इन संदर्भों पर ध्यान दें।

पत्र के मुताबिक, ‘बीटी कॉटन बीज की मार्केटिंग में मॉन्सेटों और इसकी दो संबद्ध कंपनियों महिको मॉन्सेंटो बायोटेक (इंडिया) लिमिटेड और महाराष्ट्र हाइब्रिड सीड्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (MAHYCO) द्वारा कंपीटिशन नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और सीसीआई इनके खिलाफ कार्रवाई करने में सुस्ती दिखा रही है। कृषि मंत्रालय ने भी मामले में हस्तक्षेप करना जरूरी नहीं समझा।‘

जल्द हो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई: अश्वनी महाजन

स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्वनी महाजन के मुताबिक, ‘इकॉनमिक टाइम्स की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि डीजी (इन्वेस्टिगेशन) ने पाया था कि मॉन्सैंटो कंपीटिशन एक्ट का उल्लंघन कर रही है।‘

अश्वनी महाजन के अनुसार मॉन्सैंटो ने मनमाने तरीके से किसानों से लगभग आठ हजार करोड़ रुपए ज्यादा इकट्ठे किए हैं। इसकी जांच में तीन वर्ष से अधिक का समय लगा। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सीसीआई से संपर्क करें, जिससे कार्रवाई में तेजी आए और कानून का उल्लंघन करने वालों को सजा मिल सके क्योंकि इसमें किसानों का भविष्य दांव पर लगा है।‘

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