वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज अंतरिम बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट है। उम्मीद की जा रही थी कि चुनावी वर्ष होने की वजह से सरकार बजट में कई घोषणाएं कर सकती है और ऐसा ही हुआ। किसानों, श्रमिकों और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है। सालाना 5 लाख रुपये तक पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही छोटे किसानों के लिए सालाना 6000 रुपए की सीधी आर्थिक मदद की भी घोषणा की गई। इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का नाम दिया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री श्रमजीव मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 की उम्र के बाद 3000 रुपए की पेंशन मिलेगी। बजट भाषण के दौरान शेयर बाजार में जोरदार तेजी थी। इन घोषणाओं के अलावा बजट में आंकड़े भी काफी थे। आइए, आंकड़ों से जानें बजट की पूरी कहानी-
कितना है साल का बजट अनुमान
वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजस्व की प्राप्तियों का बजट अनुमान 1977693 करोड़ रुपए है। वहीं, पूंजी की प्राप्तियों का अनुमान 806507 करोड़ है। इस तरह कुल प्राप्तियां 2784200 करोड़ है। इसमें कुल व्यय का अनुमान भी इतना ही बताया गया है।
खर्च में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी
2018-19 के बजट के मुकाबले 2019-20 में खर्च में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसमें पूंजीगत व्यय 33,6293 लाख करोड़ रुपये होगा।
ये हैं अहम खर्च-
40 हजार तक की जमाओं पर नो टीडीएस
वेतनभोगी वर्ग के लिए स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट के 10 हजार से अधिक ब्याज पर टीडीएस लगता था, इस राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया गया है।
5 लाख तक की इनकम होगी टैक्स फ्री
5 लाख तक की सालाना आय पूरी तरह टैक्स फ्री होगी। इस तरह बचत करने पर 6.5 लाख रुपये तक का आय टैक्स फ्री होगी। इन उपायों से करीब 3 करोड़ मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को टैक्स से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी।
एससी-एसटी वर्ग के लिए
एससी और एसटी वर्ग के कल्याण के लिए 2018-19 में 56,619 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, 2018-19 में 62,474 रुपये का प्रावधान किया गया है।
99.54 प्रतिशत रिटर्न फाइल करते ही हुआ अप्रूव
जनवरी 2019 में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर दिया है। पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारी, जिनकी जीएसटी देने वालों में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है, उन्हें तिमाही रिटर्न देने की अनुमति दी जाएगी। सभी रिटर्न का 99.54 प्रतिशत रिटर्न फाइल करते ही अप्रूव कर दिया गया।
मोबाइल डेटा का इस्तेमाल
पिछले पांच वर्षों में मोबाइल डेटा का इस्तेमाल 50 गुना बढ़ा है। मोबाइल और मोबाइल पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों की संख्या 2 से बढ़कर 268 हो गई है। हर दिन 27 किलोमीटर हाईवे बन रहे हैं।
रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक
इस बार हमारा रक्षा बजट तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा। वन रैंक वन पेंशन के तहत जवानों को 35000 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
उज्जवला, मुद्रा और मातृत्व योजना
उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। 6 करोड़ कनेक्शन पहले ही दिए जा चुके हैं। मुद्रा योजना के तहत 75 प्रतिशत बेनिफिशियरी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत मैटरनिटी लीव अब 26 हफ्ते की है। आयुष्मान भारत के लॉन्च होने के थोड़े समय में ही करीब 10 लाख लोगों को इसका फायदा मिला है और उनके करीब 3000 करोड़ रुपये बचे हैं। 50 करोड़ लोगों के लाभान्वित होने का लक्ष्य।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन नाम की योजना के तहत 15000 रुपये तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए न्यूनतम 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी। उन्हें 100 रुपये प्रति महीने का योगदान करना होगा। इतना ही योगदान सरकार करेगी। असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है।
ग्रैच्युटी लिमिट बढ़ी
तेज विकास के चलते ईपीएफओ की सदस्यता में पिछले दो वर्षों के दौरान 2 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने ग्रेच्युटी लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने का फैसला किया है।
किसानों के लिए ब्याज में छूट
विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज में छूट और समय से कर्ज के भुगतान पर 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट। पशुपालन और मछली पालन से जुड़े किसानों को 2 फीसदी ब्याज में छूट की घोषणा। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये किया गया।
किसानों को 6000 रुपए का डायरेक्ट इनकम सपोर्ट
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दो हेक्टेयर से कम जमीन रखने वाले किसानों को हर साल 6000 रुपये मिलेंगे। ये राशि तीन किश्तों में सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इससे करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को सीधा लाभ होगा। योजना 1 दिसंबर 2018 से लागू होगी। 25 करोड़ रुपये चालू वर्ष के लिए और 2019-20 के लिए 75000 करोड़ राशि के प्रावधान का प्रस्ताव।
143 करोड़ एलईडी बल्ब, आवास योजना
143 करोड़ एलईडी बल्व उपलब्ध कराए हैं। वर्ष 2014-18 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.53 करोड़ घर बनाए गए। सस्ते अनाज के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए की राशि, जो 2013-14 से दोगुना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ का आवंटन किया गया।
सरकार का घाटा 6 से 2.5 फीसदी हुआ। वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.4% पर रखा।