यूनिटेक के परेशान घर खरीददारों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रियल्टी फर्म को निर्देश दिया कि वह कोलकाता में अपनी संपत्ति की नीलामी से हासिल धन से अपनी पांच परियोजनाओं में 514 फ्लैटों का निर्माण करे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ को सूचित किया गया कि समूह की कोलकाता स्थित संपत्ति की दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसएन धींगरा की अध्यक्षता वाली समिति की निगरानी में नीलामी की गई। संपत्ति की 116.95 करोड़ रुपए में नीलामी की गई और अब तक तकरीबन 28.89 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अदालत की रजिस्ट्री में रकम का डिमांड ड्राफ्ट जमा किया जाए। रजिस्ट्री इसे सुप्रीम कोर्ट परिसर में स्थित यूको बैंक में अल्पकालिक सावधि जमा के रूप में जमा करेगी।
मामले में कोर्ट की सहायता के लिए नियुक्त वकील पवनश्री अग्रवाल ने कहा कि शेष राशि एक सप्ताह के भीतर जमा की जाएगी, जैसा खरीददार ने आश्वासन दिया है।
अग्रवाल ने कोर्ट का ध्यान उसके 27 जुलाई के आदेश की ओर दिलाया, जिसमें कहा गया था कि 514 फ्लैटों का निर्माण उसके लिए कुछ निश्चित राशि रखकर किया जा सकता है और उसे घर खरीददारों को दिया जा सकता है।
विशेषज्ञ समिति ने गुड़गांव में विस्टा, मोहाली में यूनिहोम्स, ग्रेटर नोएडा में हॉराइजन, ग्रेटर नोएडा में वर्व और नोएडा में यूनिहोम्स समेत यूनिटेक की पांच परियोजनाओं को चिन्हित किया है, जिसके लिए फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा।
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री द्वारा 21 करोड़ रुपए यूनिटेक एसक्रो के खाते में ट्रांसफर किए जाने चाहिए। यह खाता समिति के अध्यक्ष ने खोला है, जिसपर उन्होंने हस्ताक्षर किया है।
पीठ ने कहा, ‘जस्टिस एसएन धींगरा समिति परियोजनाओं के लिए धन के आवंटन और निर्माण कार्य की निगरानी करेगी।’ पीठ ने कहा कि निर्माण कार्य सख्ती से उस निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए, जिसपर यूनिटेक ने समिति के समक्ष सहमति जताई है। पीठ ने इसके बाद मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 सितंबर को निर्धारित कर दी।