देश भर में अचानक आई कैश की किल्लत से आम नागरिक बेहद परेशान हैं। वहीं सरकार और आरबीआई की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि देश में कैश की कोई कमी नहीं ही। कैश की किल्लत को लेकर कई बातें सामने आ रही है। इस बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सरकार के उलट दावा किया है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक देश में 70 हजार करोड़ नकदी की कमी है।
आइए जानते हैं कैश की किल्लत को लेकर क्या-क्या दावे किए गए-
-देश में 70 हजार करोड़ नकदी की है कमी: एसबीआई
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक मार्केट में जितना कैश का फ्लो होना चाहिए, उसमें 70,000 करोड़ रुपये की अब भी कमी है। यह राशि एटीएम से हर महीने निकलने वाले कैश की एक तिहाई है।
माना जाता है कि जितनी नॉमिनल इकनॉमिक ग्रोथ रेट होती है, भारत जैसे मार्केट को उसके दोगुने लाख करोड़ रुपये की जरूरत होती है। मार्च 2018 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 9.8 फीसदी रही। इस हिसाब से मार्च 2018 तक मार्केट में कैश की उपलब्धता करीब 19.4 लाख करोड़ रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि मार्केट में अब भी 70,000 करोड़ रुपये कम हैं।
-कैश की कोई कमी नहीं: आरबीआई
देश के कई हिस्सों में एटीएम और बैंकों में कैश की कमी पर रिजर्व बैंक ने बयान जारी करते हुए साफ किया कि कैश की कोई कमी नहीं है और आरबीआई के करंसी चेस्ट्स में पर्याप्त नकदी मौजूद है। एएनआई के मुताबिक आरबीआई ने बताया कि नोटों को छापने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। हालांकि कुछ इलाकों में कैश को पहुंचाने में आने वाली दिक्कतों के कारण नकदी संकट से निपटने में कुछ दिन लग सकते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि कुछ हिस्सों में एटीएम में कैश पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है। साथ ही कई एटीएम मशीनों में नए नोटों के लिए रीकैलिब्रेशन की प्रक्रिया अभी भी जारी है। आरबीआई ने कहा इन दोनों ही पहलुओं पर उसकी नजर बनी हुई है।
-वित्त मंत्री ने बताया ‘अस्थायी’
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा प्रचलन में है। बैंकों के पास भी उपलब्ध है। कुछ क्षेत्रों में 'अचानक मांग में असामान्य वृद्धि' की वजह से अस्थायी कमी आई है। इसे जल्दी निपटाने की कोशिश की जा रही है।
-नोटों का उत्पादन बढ़ाएंगे: आर्थिक मामलों के सचिव
इस संबंध में आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा है कि भारत सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि नोटों की पर्याप्त आपूर्ति हुई है। आने वाले दिनों/महीनों में अधिक मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त करेंसी की आपूर्ति होगी।
विभाग ने दावा किया है कि एटीएम में नकदी की आपूर्ति के साथ जल्द से जल्द नहीं चलने वाले एटीएम को सामान्य करने के लिए सरकार सभी कदम उठा रही है।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव एससी गर्ग ने जानकारी दी, “हम 500 करोड़ (500 के नोट) रुपये प्रति दिन प्रिंट करते हैं। हमने उत्पादन को पांच गुना बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। अगले कुछ दिनों में, हम प्रति दिन लगभग 2500 करोड़ (500 के नोट) रुपये की आपूर्ति करेंगे। एक महीने में यह आपूर्ति लगभग 70000-75000 करोड़ होगी।”
-दो तीन दिनों में दूर हो जाएगी समस्या: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि कैश की किल्लत दो-तीन दिन में दूर हो जाएगी और देश में नकदी की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा, “अभी हमारे पास रुपये 1,25,000 करोड़ की नकद मुद्रा है। समस्या यह है कि कुछ राज्यों में कम मुद्रा है और कुछ के पास ज्यादा है। सरकार ने राज्यवार समिति बनाई है और आरबीआई ने एक राज्य से दूसरे राज्य में मुद्रा हस्तांतरण के लिए एक समिति का गठन किया है। यह 3 दिनों में किया जाएगा।”
-85 फीसदी एटीएम मशीनों में है कैश: बैंकिग सचिव
बैंकिग सचिव राजीव कुमार ने एनडीटीवी से कहा कि 85 फीसदी एटीएम मशीनों में कैश है। 10 से 12 फीसदी मशीनें हमेशा रखरखाव में रहती हैं। राजीव कुमार का कहना है कि मार्च अप्रैल में कैश की मांग ज्यादा होती है।
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यह कमी पांच से सात दिनों तक होगी।