कोविड-19 महामारी से वर्ष 2020 में अफोर्डेबल हाउसिंग की ग्रोथ पटरी से उतर जाने की आशंका है। यह सेगमेंट महामारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले सेक्टर में होगा। लॉक डाउन की घोषणा से पहले देश के 7 बड़े शहरों में 6.1 लाख अफॉर्डेबल घर निर्माणाधीन थे। इन शहरों में 15.62 घर अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। इनमें 39 फ़ीसदी अफोर्डेबल हैं। प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म एनारॉक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 40 लाख रुपए से कम कीमत वाले घर अफोर्डेबल श्रेणी में आते हैं।
सात प्रमुख शहरों में 2.34 लाख अफॉर्डेबल घरों को खरीदार का इंतजार
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में बिना बिके घरों की इन्वेंटरी 1 से 3 फ़ीसदी घट सकती है। हालांकि अफॉर्डेबल घरों की इन्वेंटरी में एक से दो फ़ीसदी की बढ़ोतरी होने के आसार हैं। सात प्रमुख शहरों में मार्च तिमाही के अंत में 2.34 लाख बिना बिके अफॉर्डेबल घर थे। यह बिना बिके सभी घरों का 36 फ़ीसदी है।
अफॉर्डेबल घर खरीदारों के बेरोजगार होने की आशंका
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसलटेंट के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि हाल के वर्षों में सात प्रमुख शहरों में 40 फ़ीसदी नए घर अफोर्डेबल कैटेगरी के थे। इसलिए इस सेगमेंट में अभी 6.1 लाख घर अंडर कंस्ट्रक्शन हैं। कोविड-19 महामारी से यह सेगमेंट सबसे बुरी तरह प्रभावित होगा। इस श्रेणी के जो घर खरीदार हैं उनकी आय सीमित है और उनके बेरोजगार होने का भी खतरा है। यह लोग इस वर्ष घर खरीदने का विचार त्याग भी सकते हैं।
कहां कितने अफॉर्डेबल घर निर्माणाधीन हैं
सबसे ज्यादा 1.87 लाख निर्माणाधीन अफॉर्डेबल घर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हैं। इनमें से बिना बिके घरों की संख्या 64,430 है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में 1.72 लाख अफॉर्डेबल घर निर्माणाधीन है और इनमें से 68,970 बिना बिके हैं। पुणे में यह संख्या क्रमशः 1.3 एक लाख और 46,630 है। अफोर्डेबल सेगमेंट में सबसे ज्यादा नए घर कोलकाता में बन रहे हैं। वहां 55,300 घरों की इन्वेंटरी है। इनमें से बिना बिके घरों की संख्या 27,040 है। बंगलुरु में 32,300 अंडर कंस्ट्रक्शन अफोर्डेबल घर हैं। इनमें से 14,800 बिना बिके हैं। चेन्नई में यह संख्या क्रमशः 19,500 और 9,220 तथा हैदराबाद में 11,000 और 3,370 है।