भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि वे कभी भी नोटबंदी के पक्ष में नहीं रहे क्योंकि उनका मानना था कि नोटबंदी की तात्कालिक लागत इसके दीर्घकालिक फायदों पर भारी पड़ेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गुरुवार को राजन ने अपनी किताब के सिलसिले में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही।
अमेरिका से नोट बदलवाने आना पड़ा
उन्होंने बताया कि वह कुछ भारतीय नोट अपने साथ अमेरिका ले गए थे जिन्हें बदलने के काम से ही भारत आना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार के नोटबंदी के कदम की कोई जानकारी नहीं थी और यही वजह है कि उन्हें खुद भारत आना पड़ा।
‘जरूर भारत आना चाहेंगे’
एक दूसरे सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ को ताकत देने के लिए भारत को तीन क्षेत्रों बुनियादी ढांचा, बिजली और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनसे जब पूछा गया कि क्या वो भारत में कोई अन्य पद संभालने के लिए लौटना चाहेंगे या अमेरिका में पढ़ाकर खुश हैं, राजन ने कहा कि अगर उन्हें बुलाया जाता है और अगर उन्हें ऐसी जगह दी जाएगी जहां वह बड़ा बदलाव ला सकते हैं तो वह जरूर आना चाहेंगे।
गौरतलब है कि गवर्नर पद पर राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर 2016 को पूरा हो गया।