टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने पद पर बहाली के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले को अच्छे गवर्नेंस के सिद्धांत और माइनरिटी शेयरधारकों के अधिकारों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है।
दूसरी ओर, टाटा संस ने कहा है कि वह इस मामले में समुचित कानूनी कदम उठाएगी। यह स्पष्ट नहीं है कि एनसीएलएटी ने टाटा संस और समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरधारकों की वैधानिक बैठकों के फैसलों को कैसे दरकिनार कर दिया।
सायरस मिस्त्री ने क्या कहा
मिस्त्री ने पिछली कड़वाहट को भुलाते हुए कहा कि टाटा समूह को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए सभी को मिलकर काम करने का यह सही समय है। मिस्त्री परिवार टाटा संस के माइनरिटी शेयरधारक के तौर पर पिछले 50 साल से उस संस्था के संरक्षक के तौर पर अहम भूमिका निभाता रहा है जिस पर पूरा देश गर्व करता है।
संस्था के रूप में टाटा समूह की संपन्नता के लिए महत्वपूर्ण है कि समूह की सभी कंपनियां, उनके निदेशक बोर्ड, टाटा संस का प्रबंधन, बोर्ड और शेयरधारक ऐसे मजबूत गवर्नेंस फ्रेमवर्क के तहत मिलकर काम करें जिसमें सभी शेयरधारकों, निवेशकों और टाटा ग्रुप की सबसे मजबूत संपत्ति यानी कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो।
अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले पर मिस्त्री ने कहा कि उनकी अपील पर फैसला उनके नजरिये के अनुरूप है। टाटा संस ने उन्हें बिना किसी चेतावनी और कारण के पद से हटा दिया। उन्हें पहले इसी तरह से टाटा संस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से हटाया और बाद में निदेशक के पद से हटाया।
टाटा संस के प्रमुख के तौर पर अपने प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में एक संस्कृति और प्रक्रिया को स्थापित करने का प्रयास किया जिसमें शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक वैल्यू, स्थायी विकास और लाभ के लिए प्रभावी बोर्ड गवर्नेंस को प्रोत्साहन मिले।
टाटा संस ने कहा- हमारा पक्ष मजबूत
दूसरी ओर, टाटा संस ने कहा कि एनसीएलएटी के फैसले में याचिकाकर्ता की मांग से भी कहीं आगे जाकर राहत दी गई। उसने कहा कि इस मामले में उसका पक्ष बहुत मजबूत है और समुचित कानूनी पहल की जाएगी। समूह ने अपने सभी पक्षों को भरोसा दिलाया है कि उसने न सिर्फ निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से काम किया बल्कि कानून के मुताबिक कदम उठाए हैं। और इसी तरह के आगे काम करता रहेगा। एक बड़े फैसले में एनसीएलएटी ने सायरस मिस्त्री को टाटा संस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया है। उसने समूह के मौजूदा चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को भी अवैध बताकर खारिज कर दिया है।
चंद्रशेखरन ने कर्मचारियों को संदेश भेजा
उधर, टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने समूह के सभी कर्मचारियों को पत्र जारी करके कहा है कि वे कारोबार और सभी पक्षों के हितों के लिए अपने काम पर ध्यान दे। टाटा संस अपने पक्ष को मजबूत मानता है और समुचित तरीके से मामले को रखा जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि हम सभी अपने काम के प्रति संजीदगी से लगे हैं। टाटा समूह और मजबूत और सक्रिय होगा।