आईसीआईसीआई बैंक ने सोमवार को संदीप बख्शी को अपना मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त करने का ऐलान किया है। साथ ही, बैंक ने कहा कि उसकी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर तब तक छुट्टी पर रहेंगी, जब तक वीडियोकॉन लोन मामले में उनके खिलाफ चल रही आंतरिक जांच पूरी नहीं हो जाती।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फिलहाल आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी तथा सीईओ के पद पर कार्यरत बख्शी 19 जून से बैंक के सीओओ पद का कार्यभार संभालेंगे।
बैंक ने कहा कि गवर्नेंस तथा कॉरपोरेट मानदंड के उच्चस्तर के तहत कोचर ने अपने खिलाफ जांच पूरी होने तक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया था। जांच का ऐलान 30 मई, 2018 को की गई थी।
कोचर और उनके परिजन वीडियोकॉन समूह को दिए गए लोन के बदले फायदा लेने के आरोपों का समाना कर रहे हैं। एक व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत पर पिछले महीने बैंक ने कोचर पर लगे आरोपों के खिलाफ स्वतंत्र जांच करने का ऐलान किया था।
बैंक के बोर्ड ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में एनएस कन्नन की नियुक्ति की भी सिफारिश की।
क्या है आरोप?
चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को गलत तरीके से 3,250 करोड़ का कर्ज देने का आरोप है। धूत ने बाद में इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा उन कंपनियों में लगाया जिन्हें चंदा के पति दीपक कोचर चला रहे थे। बाद में धूत को दिए कर्ज में से 2,810 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए घोषित कर दिए यानी ऐसी रकम जो वसूली नहीं जा सकती। चंदा कोचर के कार्यकाल में ही आईसीआईसीआई बैंक पर यह आरोप भी लगा कि उसने सरकारी बॉन्ड्स को बेचने में नियमों का पालन नहीं किया। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आईसीआईसीआई पर 58 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।