यस बैंक के पूर्व प्रमोटर राणा कपूर और अन्य लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस के संबंध में रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई कार्यालय में पेश हुए। ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत अंबानी का बयान दर्ज कर सकती है।
अंबानी का 12800 करोड़ रुपये कर्ज दबावग्रस्त
60 वर्षीय अनिल अंबानी बलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के ऑफिस में आज सुबह 9.30 बजे पहुंचे। उनके समूह की 9 कंपनियों ने यस बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपये कर्ज किया जो बाद में दबावग्रस्त हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले छह मार्च को बताया कि अनिल अंबानी समूह, एसेल, आइएलएंडएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन के यस बैंक में लोन खाते दबावग्रस्त हैं। इन कंपनियों पर यस बैंक का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है।
पहले सोमवार को पेश होना था
अंबानी को पहली बार सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत आधार पर पेशी से राहत मांग थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें 19 मार्च को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया। इस महीने के शुरू में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक पर मोरेटोरियम लगाए जाने तुरंत बाद ईडी ने कपूर, उनके परिवार और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। आरबीआइ ने बैंक से निकासी पर रोक लगाई थी। बैंक ने सामान्य कामकाज बुधवार की शाम से शुरू किया।
राणा कपूर पर 4300 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप
ईडी ने आरोप लगाया है कि कपूर और उनके परिवार ने 4300 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के जरिये हेराफेरी की। यह पैसा उन्हें बैंक के जरिये बड़े कर्ज देने और बाद में उन्हें एनपीए करने के लिए रिश्वत के तौर पर दिया गया था। रिलायंस एडीए ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि बैंक के लिया गया पूरा कर्ज सुरक्षित है और उसने यह कर्ज सामान्य कारोबारी गतिविधियों के तहत लिया था। समूह ने राणा कपूर, उनकी पत्नी या बेटियों के साथ किसी तरह के लेनदेन से भी इन्कार किया था।
इन कंपनियों के भी प्रमुख ईडी में तलब
इस बीच, ईडी ने उन कंपनियों के प्रमुखों को तलब किया है जो तय तारीख पर नहीं आए थे। एसेल ग्रुप के प्रमोटर सुभाष चंद्रा, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल बुधवार को ईडी के कार्यालय में बुलाने पर भी नहीं पहुंच थे। संसद सदस्य सुभाष चंद्रा ने संसद सत्र में व्यस्त होने और नरेश गोयल ने परिवारी सदस्य के बीमार होने की बात कहकर ईडी कार्यालय पहुंचने में असमर्थता जताई थी। ईडी का सम्मन जारी होने पर चंद्रा ने कहा था कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने भी राणा कपूर या उनके परिवार अथवा उनकी किसी कंपनी से किसी तरह के लेनदेने से इन्कार किया था।
दस घरानों के 34000 करोड़ रुपये के कर्ज एनपीए
कथित तौर पर एसेल ग्रुप ने 8400 करोड़ रुरये और जेट एयरवेज ने 550 करोड़ रुपये कर्ज नहीं लौटाया। इंडिया बुल्स के चेयरमैन समीर गहलौत ने कोरोना वायरस के कारण यात्रा और एयरलाइन पर प्रतिबंधों के चलते विदेश से वापस भारत लौटने में असमर्थता जताई थी। उन्हें 20 मार्च को तलब किया गया है। इंडिया बुल्स के 685 करोड़ रुपये के कर्ज पर सवाल उठ रहे हैं। संकट में फंसी डीएचएफएल के प्रमोटर वाधवान बंधु कपिल और धीरज ने भी यात्रा पर प्रतिबंध के चलते जांच में शामिल होने में असमर्थता जताई है। दस बड़े उद्योग घरानों की 44 कंपनियों ने यस बैंक से 34000 करोड़ रुपये कर्ज लिया जो बाद में एनपीए हो गया।