फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर आईपीओ के बाद 75 फ़ीसदी बढ़ चुके हैं, निकट भविष्य में इसके 27 फ़ीसदी तक और बढ़ने की संभावना है। कंसलटेंसी फर्म बर्नस्टीन ने यह अनुमान जताया है। जोमैटो ने पिछले दिनों अप्रैल से जून तिमाही के नतीजे जारी किए। हालांकि कंपनी को नुकसान हुआ है, इसके बावजूद नतीजों की घोषणा के बाद शेयर भाव बढ़े हैं। वैसे शुक्रवार को इसमें गिरावट का रुख था।
बर्नस्टीन का कहना है कि फूड डिलीवरी बिजनेस बाकी बिजनेस की तुलना में ज्यादा बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है। कंपनी का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू बढ़ रहा है, ऑर्डर की संख्या भी बढ़ रही है। पार्टनर रेस्तरां और डिलीवरी पार्टनर भी बढ़ रहे हैं। कंपनी ने पिछले दिनों एक सौ करोड़ ऑर्डर की संख्या पार करने का दावा किया, इसमें से 10% ऑर्डर पिछली तिमाही में मिले।
कंपनी जो ने जो नतीजे जारी किए हैं उसमें उसने बताया है कि अप्रैल-जून तिमाही में उसे 360 करोड रुपए का घाटा हुआ है। अप्रैल-जून 2020 में उसे 99.8 करोड रुपए का घाटा हुआ था। घाटा भले ही बढ़ा हो लेकिन ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू में भी काफी वृद्धि हुई है। यह मार्च तिमाही के 3,310 करोड़ रुपए से बढ़कर 4,540 करोड़ रुपए हो गया है। इस तरह इस में 37% की वृद्धि हुई है। अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद फूड डिलीवरी बिजनेस में वृद्धि जारी है।
जोमैटो ने पिछले महीने आईपीओ से 9,375 करोड़ रुपए जुटाए थे। आईपीओ में शेयर की अधिकतम कीमत 76 रुपए रखी गई थी। 23 जुलाई को जब शेयर स्टॉक एक्सचेंज में 52% प्रीमियम पर 116 रुपये पर लिस्ट हुए। पहले दिन करीब 65 फ़ीसदी बढ़त के साथ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में शेयर 125.85 रुपए पर बंद हुए थे। बड़ा आईपीओ होने के बावजूद यह 38 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस समय इसके शेयर की कीमत 134 रुपएके आसपास चल रही है। इसका मार्केट कैप 1.04 लाख करोड़ रुपए है।