मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि देश में थोक मुद्रास्फीति लगातार 7वें महीने नकारात्मक ढलान पर थी। थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही है। गौरतलब है कि डब्ल्यूपीआई थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमत का प्रतिनिधित्व करता है यानी वह सामान जो थोक में बेचा जाता है और उपभोक्ताओं के बजाय संगठनों के बीच कारोबार किया जाता है।
इससे पहले भारत में अक्टूबर 2022 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 8.67 प्रतिशत थी। अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 2.53 प्रतिशत पर आ गई। सितंबर में यह 3.35 प्रतिशत थी।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, ‘‘अक्टूबर 2023 में मुद्रास्फीति की शून्य से नीचे रही। इसकी मुख्य वजह पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में रसायनों और रासायनिक उत्पादों, बिजली, कपड़ा, बुनियादी धातुओं, खाद्य उत्पादों, कागज और कागज उत्पादों आदि की कीमतों में गिरावट रही।’’
ईंधन व बिजली खंड की मुद्रास्फीति अक्टूबर में शून्य से 2.47 प्रतिशत नीचे रही, जो सितंबर में शून्य से 3.35 नीचे थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अक्टूबर में शून्य से 1.13 प्रतिशत नीचे रही। सितंबर में शून्य से 1.34 प्रतिशत नीचे थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की ओर से पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर घटकर पांच महीनों के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर आ गई।
खाद्य पदार्थों की ठंडी कीमतों के कारण, हेडलाइन मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत से नीचे के आरामदायक क्षेत्र में वापस आ गई है। सितंबर 2022 में यह 7.56 फीसदी पर थी। इस साल जून में पिछली निचली महंगाई दर 4.87 फीसदी दर्ज की गई थी।