नोएडा की श्वेता भारद्वाज कभी एक कॉर्पोरेट जॉब में थीं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी ऑफिस और घर के बीच सिमटकर रह गई है। इस दबाव से परेशान होकर उन्होंने जॉब छोड़ दी। लेकिन जॉब छोड़ने के बाद भी हालात नहीं सुधरे, बल्कि उनके पति ने ताने देने शुरू कर दिए कि अब तो घर के काम ठीक से कर लिया करो। इसी दौरान उन्होंने अपनी मां को कुंडलियां देखते और बर्थ चार्ट बनाते हुए गौर से देखना शुरू किया। मां से सीखकर उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की कुंडली देखनी शुरू कर दी, और यहीं से उनकी जिंदगी ने नया मोड़ लिया।
कुंडली देखने का शौक बना बिजनेस
श्वेता बचपन से अपनी मां को ज्योतिष से जुड़ी किताबें पढ़ते और लोगों की कुंडली बनाते देखती थीं। हालांकि, तब उन्हें यह सब अंधविश्वास लगता था। लेकिन जब उन्होंने खुद कुंडली का अध्ययन किया और पाया कि इसमें गणितीय गणनाओं का इस्तेमाल होता है, तो उनका नजरिया बदल गया। जॉब छोड़ने के बाद जब उन्होंने अपने परिचितों की कुंडली देखनी शुरू की, तो लोगों को उनकी भविष्यवाणियां सटीक लगने लगीं। धीरे-धीरे लोग उन पर भरोसा करने लगे और फिर उन्होंने इसे एक व्यवसाय में बदलने का फैसला किया।
50 हजार का निवेश, सालाना 50 लाख की कमाई
श्वेता ने ज्योतिष की अकादमिक पढ़ाई के लिए 50 हजार रुपये खर्च किए और एक संस्थान से एस्ट्रोलॉजी में डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी सेवाओं को प्रमोट करना शुरू किया। पहले वे अपने जान-पहचान वालों की कुंडली देखती थीं, फिर धीरे-धीरे सोशल मीडिया से क्लाइंट्स मिलने लगे। शुरू में वे एक कुंडली देखने के 500 रुपये लेती थीं, लेकिन आज वे एक चार्ट के 5,500 रुपये चार्ज करती हैं। उनके बिजनेस मॉडल में सोशल मीडिया और माउथ पब्लिसिटी ने बड़ी भूमिका निभाई। आज वे सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं।
MCA की पढ़ाई के बाद एस्ट्रोलॉजी को अपनाया
श्वेता ने कंप्यूटर साइंस में MCA किया था और एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रही थीं। उनके पिता चाहते थे कि वे इंजीनियर बनें, लेकिन किस्मत ने उन्हें एस्ट्रोलॉजर बना दिया। जब उन्होंने एस्ट्रोलॉजी को करियर के रूप में अपनाने का फैसला किया, तो उनके पिता ने विरोध किया। लेकिन जब उनकी कमाई लाखों में पहुंच गई, तो परिवार ने भी उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दिया।
पति से अलग होने का संकेत पहले ही मिल गया था
श्वेता और उनके पति की मुलाकात उसी कंपनी में हुई थी, जहां वे दोनों काम करते थे। दो साल डेटिंग के बाद उन्होंने शादी कर ली। शादी से पहले ही श्वेता ने अपने पति की कुंडली देखी थी और जाना था कि भविष्य में उनके रिश्ते में दिक्कतें आ सकती हैं। लेकिन प्यार के आगे उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। शादी के कुछ साल बाद उनके रिश्ते में तनाव बढ़ा और आखिरकार 2022 में वे अलग हो गईं। आज वे अपनी मां और तीन साल की बेटी के साथ नोएडा में रहती हैं।
एस्ट्रोलॉजी पर भरोसा, लेकिन कर्म पर ज्यादा यकीन
श्वेता मानती हैं कि एस्ट्रोलॉजी गणितीय गणनाओं पर आधारित है और यह हज़ारों साल पुरानी विद्या है। हालांकि, वे यह भी कहती हैं कि किस्मत और भविष्यवाणी के भरोसे नहीं बैठना चाहिए। मेहनत और कर्म से देरी से ही सही, लेकिन सफलता जरूर मिलती है। वे एस्ट्रोलॉजी को छाते की तरह मानती हैं—बारिश को रोका नहीं जा सकता, लेकिन खुद को बचाया जरूर जा सकता है।
आज श्वेता भारद्वाज ‘गौरा एस्ट्रो प्रिडिक्शन’ नाम से अपनी कंपनी चला रही हैं और अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की कुंडली देख चुकी हैं। उनका सफर बताता है कि कैसे एक शौक न सिर्फ करियर बन सकता है, बल्कि करोड़ों की कमाई का जरिया भी।