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कितने झूठ, कितनी सच्चाई? भगोड़े विजय माल्या के दावों की पड़ताल

भारतीय उद्योगपति और किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्या ने हाल ही में एक चार घंटे के पॉडकास्ट...
कितने झूठ, कितनी सच्चाई? भगोड़े विजय माल्या के दावों की पड़ताल

भारतीय उद्योगपति और किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्या ने हाल ही में एक चार घंटे के पॉडकास्ट में यूट्यूबर राज शमानी के साथ अपनी बेगुनाही का दावा किया। माल्या ने दावा किया कि उन्होंने किसी से एक रुपये का कर्ज नहीं लिया और भारतीय अधिकारियों ने उनसे 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की, जो कि उनके द्वारा लिए गए 6,203.35 करोड़ रुपये के कर्ज से दोगुना है। लेकिन क्या उनके दावों में कोई सच्चाई है? आउटलुक बिजनेस ने सार्वजनिक दस्तावेजों, अदालती आदेशों और कानूनी विशेषज्ञों के आधार पर इसकी पड़ताल की।

किंगफिशर एयरलाइंस का पतन

विजय माल्या, जो कभी भारत के सबसे लोकप्रिय शराब ब्रांड यूनाइटेड ब्रुअरीज के चेयरमैन थे, ने 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की थी। 2009 तक यह भारत की सबसे बड़ी यात्री एयरलाइन बन गई थी, जिसका बाजार हिस्सा 22.9% था। लेकिन भारी नुकसान और कर्ज के बोझ तले यह एयरलाइन 2012 में बंद हो गई। इसका एक बड़ा कारण 2007 में एयर डेक्कन का 550 करोड़ रुपये में अधिग्रहण था, जिसके बाद किंगफिशर का कर्ज 6,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

2010 में, बैंकों ने किंगफिशर को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुआई में बैंकों ने 1,355 करोड़ रुपये के कर्ज को इक्विटी में बदला और नौ साल की अवधि के लिए पुनर्गठन किया। लेकिन 2012 में, भारी नुकसान और कर्मचारियों को वेतन न देने के कारण एयरलाइन बंद हो गई, और दिसंबर 2012 में इसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

माल्या के दावे और सच्चाई

1. "मैंने एक रुपये का कर्ज नहीं लिया, सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये वसूल किए"

माल्या ने दावा किया कि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने किंगफिशर एयरलाइंस को 6,203 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने का आदेश दिया था, जिसमें वह केवल गारंटर थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनसे 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल किए।   

सच्चाई: 2020 के एक यूके हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, माल्या पर 11,025 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था, जिसमें ब्याज शामिल था। भारत सरकार ने 2024 में लोकसभा में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माल्या की संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल किए। कानूनी विशेषज्ञ तुषार कुमार के अनुसार, माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के कारण, सरकार को मूल कर्ज से असंबंधित संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार था, जिसके चलते वसूली कर्ज से अधिक हुई।

2. "अगर मैं चोर हूं, तो बैंकों ने पैसे कैसे वसूल किए?"

 माल्या का कहना है कि अगर वह चोर होते, तो बैंक पैसे नहीं वसूल पाते।  

 सच्चाई: कानून के अनुसार, धन की वसूली अपराध को मिटा नहीं देती। ED और CBI ने आरोप लगाया कि माल्या ने कर्ज के पैसे को शेल कंपनियों और विदेशी खातों में डायवर्ट किया। 2016 में, ED ने PMLA के तहत माल्या की संपत्तियों को जब्त किया, जिसमें 3,432 करोड़ रुपये की हेराफेरी और 45.42 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट जेट किराए के लिए दुरुपयोग शामिल था।

3. "किंगफिशर ने SBI से कर्ज नहीं लिया"

माल्या ने दावा किया कि SBI ने एयर डेक्कन को कर्ज दिया था, जो किंगफिशर के साथ विलय के बाद उनकी देनदारी बनी।  

सच्चाई: विलय के बाद, SBI ने किंगफिशर को 7,500 करोड़ रुपये के कर्ज पुनर्गठन और 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी।

4."मैंने बैंकों को चार बार सेटलमेंट ऑफर दिया"

माल्या ने दावा किया कि उन्होंने बैंकों को चार बार सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया, जिसे ठुकरा दिया गया।  

 सच्चाई: पत्रकार के. गिरीप्रकाश के अनुसार, बैंकों ने इन प्रस्तावों को इसलिए ठुकराया क्योंकि माल्या ने भारी छूट की मांग की थी। बाद में दिए गए "बिना शर्त" प्रस्ताव तब आए जब माल्या देश छोड़कर भाग चुके थे।

5. "कर्मचारियों को वेतन न देने की वजह कोर्ट थी"

माल्या ने दावा किया कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए, जिसके कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सका।  

सच्चाई: कोर्ट ने खाते इसलिए फ्रीज किए क्योंकि माल्या ने अदालती आदेशों का पालन नहीं किया। गिरीप्रकाश के अनुसार, माल्या अपनी निजी संपत्ति से कर्मचारियों को भुगतान कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

कानूनी स्थिति

2016 में, माल्या भारत छोड़कर यूनाइटेड किंगडम चले गए। भारत ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की, और 2018 में यूके की एक अदालत ने इसे मंजूरी दे दी। हालांकि, कानूनी प्रक्रियाओं के कारण वह अभी तक भारत नहीं लौटे हैं। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया, और 2022 में उन्हें चार महीने की जेल और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

माल्या के दावों में आंशिक सच्चाई हो सकती है, लेकिन कई महत्वपूर्ण तथ्यों को उन्होंने छिपाया या गलत तरीके से पेश किया। कानूनी दस्तावेज और विशेषज्ञों के अनुसार, माल्या ने कर्ज के पैसे का दुरुपयोग किया और अदालती आदेशों का उल्लंघन किया। उनकी भगोड़ा आर्थिक अपराधी की स्थिति और चल रही प्रत्यर्पण प्रक्रिया उनके खिलाफ गंभीर आरोपों को दर्शाती है।

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