Advertisement

हुवावे के 5जी ट्रायल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा, स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम को आगाह किया

5जी टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के ट्रायल के लिए हुवावे और अन्य चीनी कंपनियों सहित सभी कंपनियों को अनुमति दिए...
हुवावे के 5जी ट्रायल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा, स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम को आगाह किया

5जी टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के ट्रायल के लिए हुवावे और अन्य चीनी कंपनियों सहित सभी कंपनियों को अनुमति दिए जाने के सरकार के फैसले पर आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कड़ी आपत्ति की है। एसजेएम के राष्ट्रीय संयोजक ने डॉ. अश्वनी महाजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देकर चीन की कंपनियों को प्रतिबंधित करने और 5जी और 6जी तकनीक पर काम कर रही घरेलू कंपनियों को संरक्षण देने की मांग की है।

सुरक्षा के मुद्दे को नजरंदाज नहीं कर सकते

डॉ. महाजन ने पीएम को भेजे पत्र में कहा है कि एसजेएम ने टेलीकॉम विभाग को ज्ञापन देकर हुवेई और अन्य चीनी कंपनियों की टेलीकॉम क्षेत्र में सक्रियता से राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरों के बारे में आगाह किया था लेकिन उनकी आपत्तियों को या तो खारिज कर दिया गया अथवा नजरंदाज कर दिया गया। एसजेएम ने कहा कि आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए एसजेएम नई तककी के पक्ष में है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और निजता के सवालों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

चीनी कंपनियां सूचनाएं देने के लिए बाध्य

एसजेएम ने कहा है कि चीन कंपनियों को अनुमति दिए जाने से घरेलू कंपनियां हतोत्साहित होंगी क्योंकि भारत में बाजार कब्जाने के लिए वे कम कीमत पर ठेके ले सकती हैं। चीन कंपनियों को ठेके मिलने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। चीन की कंपनी हुवेई को कई देशों में प्रतिबंधित किया जा चुका है। इस बात के पर्याप्त सबूत है कि चीन की कंपनियों द्वारा निर्यात किए गए उपकरणों से संवेदनशील जानकारियां लीक होने की आशंका रहती है। कई देशों को संदेह है कि चीनी कंपनियां साइबर हैकिंग के जरिये सैन्य और तकनीकी गोपनीय जानकारी चुराने में संलिप्त हैं। एसजेएम का कहना है कि चीन की कंपनियां चीन के इंटेलीजेंस कानून के तहत गोपनीय सूचनाएं अपनी सरकार को देने के लिए बाध्य हैं।

चीन नहीं देता विदेशी कंपनियों को अनुमति

पत्र में कहा गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और वहां की सरकार टेलीकॉम उपकरणों की संवेदनशीलता को समझती है। वे विदेश कंपनियों को इक्विपमेंट और सॉफ्टवेयर सप्लाई करने के लिए अपने बाजार में अनुमति नहीं देते हैं। हमें भी अदला-बदली के आधार पर इसकी अनुमति देनी चाहिए।

भारतीय कंपनियां अक्षम होने की बात गलत

एसजेएम ने आरोप लगाया कि यह भ्रम कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा जानबूझकर फैलाया जा रहा है कि भारतीय कंपनियों के पास 5जी और 6जी टेक्नोलॉजी के लिए क्षमता नहीं है। जबकि यह सही नहीं है। भारत में कई उद्यमी इस पर काम कर रहे हैं। एक भारतीय कंपनी ने अमेरिका में 6जी कांसेप्ट को भी पेटेंट करा लिया है।

घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना जरूरी

इन कंपनियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। इससे भारत को नई तकनीक के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और इस क्षेत्र में बड़ी बढ़त पाने में मदद मिलेगी और देश की सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं होगा।

एसजेएम का कहना है कि भारत 5जी टेक्नोलॉजी के मामले में पीछे नहीं रह सकता है। इसके लिए उसे आगे बढ़कर काम करना होगा। लेकिन देश की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। हम घरेलू कंपनियों को आगे बढ़ाकर सुरक्षा को खतरे में डाले बगैर 5जी टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ सकते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad