कारोबारी माहौल को बेहतर करने और निवेश को प्रोत्साहन के ठोस कोशिशों से भारत को निवेश आकर्षित करने में सहायता मिली है, लेकिन ये उपाय पर्याप्त नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने यह राय जताई है। आईएमएफ ने कहा है कि निवेश आकर्षित करने के लिए भारत को अभी और आर्थिक सुधारों की आवश्यकता है।
आईएमएफ के मुख्य प्रवक्ता गेरी राइस ने दिग्गज वैश्विक कंपनियों फेसबुक और गूगल इंक द्वारा भारत में बड़े निवेश की घोषणा संबंधी प्रश्न पर यह प्रतिक्रिया दी। हाल के वक़्त में कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में 20 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की प्रतिबद्धता जताई है। इससे इस साल अब तक भारत को 40 अरब डॉलर का एफडीआई मिल चुका है।
राइस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘भारत ने हाल के बरसों में निवेश आकर्षित करने के लिए मजबूत प्रयास किए हैं। कारोबारी माहौल में सुधार किया गया है और व्यापार में निवेश आकर्षित करने के उपाय किए गए हैं। इनसे निवेश आकर्षित करने में सहायता मिली है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने दिवाला संहिता, माल एवं सेवा कर जैसे सुधार किए हैं। इससे विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैकिंग में भारत की स्थिति सुधरी है। 2020 में भारत कारोबार सुगमता रैंकिंग में 63वें स्थान पर आ गया है, जबकि 2018 में वह 100वें स्थान पर था। यह उल्लेखनीय सुधार है।
राइस ने कहा कि इसके बाद भी भारत को और आर्थिक सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत को श्रम, भूमि आदि के क्षेत्र में और सुधार करने के अलावा अतिरिक्त बुनियादी ढांचा जोड़ने की जरूरत है। हमारे विचार में इन सुधारों के जरिये भारत अधिक निवेश आकर्षित कर सकेगा और समावेशी वृद्धि की राह पर तेजी से आगे बढ़ सकेगा।’’