न्यायमूर्ति ए.के. माथुर की अध्यक्षता वाले सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को गुरुवार शाम अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट की खास बात यह है कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को वन रैंक-वन पेंशन का लब्ज मिलेगा। आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से लागू करने की बात कही गई है। एचआरए और ग्रैच्यूटी के प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है।
नए वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम वेतन 2.50 लाख रुपये मासिक रहेगा। इसके साथ वेतन में सालाना तीन प्रतिशत वृद्धि का सुझाव दिया है। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के खजाने पर सालाना करीब 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा जो जीडीपी के 0.65 फीसदी के बराबर है।
वित्त मंत्री अरुण जोटली ने कहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशों से 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और सेवानिवृत रक्षाकर्मियों सहित 52 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने से राजकोषीय घाटे पर 0.65 प्रतिशत का असर पड़ेगा। आयोग के इन सुझावों पर अमल की निगरानी के लिए व्यय सचिव की अध्यक्षता में एक क्रियान्वयन सचिवालय बनाया गया है।