रिलायंस एडीए समूह के मुखिया अनिल अंबानी ने सरकार द्वारा रणनीतिक भागीदारी करने की योजना पर स्थिति अधिक स्पष्ट किए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि नीतियां वैश्विक तौर पर अपनाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ व्यवहार के अनुकूल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक जांची परखी नीति से यथास्थिति में बदलाव आएगा, मौजूदा खिलाडि़यों का वर्चस्व समाप्त होगा, नए खिलाडि़यों के प्रवेश से राष्ट्र को लाभ होगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
अंबानी का अनुभव की कमी का बयान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के इस बयान से मेल खाता है कि युवा राजनीतिज्ञ के रूप में उन्हें भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह इससे उबरने मे कामयाब रहे। यहां रक्षा प्रदर्शनी में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा, शीर्ष स्तर पर एक प्रतिबद्ध सुधार की सोच होने के बावजूद हम देख रहे हैं कि नए खिलाडि़यों को अनुभव की कमी का हवाला देकर अवसरों से वंचित किया जा रहा है। यह पहले मुर्गी या पहले अंडा आया की बसह है जिसमें कोई नहीं जीत पाता।
अंबानी ने कुछ विदेशी कंपनियों से गठजोड़ की घोषणा की है, लेकिन उन्हें अभी तक कोई अनुबंध नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यदि अनुभव का हवाला दिया जाता तो आज वाहन से लेकर दूरसंचार और आईटी क्षेत्र बेहतर स्थिति में नहीं होते, जैसे आज हैं।