मेलबर्न। भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को ऑस्ट्रेलिया में बड़ा झटका लगा है। ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने कोयला खनन के लिए अडानी की कंपनी को मिली पर्यावरण मंजूरी रद्द कर दी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन परियोजनाओं में से एक है, जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने पिछले साल मंजूरी दी थी। खनन के अलावा अडानी वहां एक रेल लाइन भी बिछाने वाले हैं। लेकिन पर्यावरण के मुद्दे पर इस परियोजना का खूब विरोध हो रहा है, जिसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा और 16.5 अरब डालर की इस परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी रद्द हुई है।
द सिडनी माॅर्निंग हेराल्ड की खबर के मुताबिक अडानी को मिली पर्यावरण मंजूरी को दरकिनार कर दिया गया है क्योंकि अदालत ने पाया कि पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने गैलिली बेसिन में दो संकटग्रस्त प्रजातियों (छोटी छिपकली और एक प्रकार के सर्प) के बारे में दी गई सलाह पर उचित ध्यान नहीं दिया। पर्यावरणविदों ने संघीय अदालत के विवादास्पद कारमाइकेल खान के खिलाफ दिए फैसले का स्वागत किया है। अदालत का यह फैसला पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मैके कंजर्वेशन ग्रुप की याचिका पर आया है। यह समूह पिछले साल भर से अडानी की परियोजना का विरोध कर रहा है।
पर्यावरण समूह के प्रतिनिधि स्यू हिगिन्सन ने कहा कि अब मध्य क्वींसलैंड की खान के लिए कोई कानूनी स्वीकृति नहीं है। हिगिन्सन ने कहा कि अब मंत्री अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं और निश्चित तौर पर पुनर्विचार की प्रक्रिया में उचित कानूनी प्रक्रियाओं के बाद फिर से खनन परियोजना को मंजूरी दे सकते हैं या फिर वे परियोजना को स्वीकृत देने से इनकार सकते हैं ... मंत्री के सामने ये कानूनी अधिकार के विकल्प हैं।
उधर, पर्यावरण विभाग ने एक बयान में कहा विभिन्न पक्षों की सहमति से संघीय अदालत ने कारमाइकेल कोयला खान एवं रेल परियोजना की मंजूरी औपचारिक रूप से रद्द कर दी है। बयान में कहा गया यह तकनीकी, प्रशासनिक मामला है और इससे जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए विभाग ने सलाह दी है कि इस फैसले पर पुनर्विचार होना चाहिए।
अडानी समूह का बयान
नए आदेश के संबंध में अडानी समूह ने कहा कि उसे सरकारी की मंजूरी का इंतजार है। समूह ने इस फैसले को तकनीकी कानूनी भूल करार दिया और भरोसा जताया कि मामला दुरस्त हो जाएगा। समूह ने हाल ही में परियोजना क्षेत्र में कई जगहों पर काम रोक दिया है। कंपनी ने कहा कि वह सख्त पर्यावरण शर्तों समेत राष्ट्रमंडल एवं राज्य के कानूनों के मुताबिक क्वींसलैंड में खनन, रेल एवं बंदरगाह परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।