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कालाधन: ईडी ने कुर्क की 9 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी

ऐसा लगता है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में घोटालों की जो खबरें सामने आई थीं उनका असर अब देखने को मिल रहा है और इस दौरान सीबीआई, आयकर आदि विभागों ने घोटालों के बारे में जो कदम उठाए हैं उसका असर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर भी पड़ा है।
कालाधन: ईडी ने कुर्क की 9 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी

कालेधन को लेकर देश में मचे हंगामे के बीच ईडी ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में 9003 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं जो इससे पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 4 गुणा अधिक है। इसी वित्तीय वर्ष में ईडी ने कालेधन से संबंधित 173 आरोप पत्र भी दाखिल किए हैं। ईडी ने यह जानकारी एक रिपोर्ट बनाकर काले धन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को दी है। रिपोर्ट की एक प्रति पीटीआई भाषा को भी मिल गई है।

ईडी के देश-विदेश में अवैध धन के खिलाफ प्रयासों के चलते बीते वित्त वर्ष में कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में 400 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि आपराधिक मामलों (एफआईआर) में 500 प्रतिशत वृद्धि हुई। इसी तरह मनी लांड्रिंग गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह में होने वाली गिरफ्तारियां भी इस दौरान 600 प्रतिशत बढ़ीं। आरोप पत्रों की संख्या में 214 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। गौरतलब है कि यह एजेंसी वित्तीय अपराधों की जांच दो प्रमुख कानूनों के तहत करती है जिनमें मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) तथा विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) शामिल है।

रपट के अनुसार निदेशालय ने 2014-15 में पीएमएलए के तहत 9003.26 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क कीं, 1326 पीएमएलए एफआईआर दर्ज कीं, 52 लोगों को मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया और कुल मिलाकर 173 आरोप पत्र दाखिल किए। इसी दौरान निदेशालय ने 492 कुर्की आदेश जारी किए। निदेशालय द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य बीते वित्त वर्ष 407 प्रतिशत बढ़ा क्योंकि 2013-14 में यह राशि 1773.41 करोड़ रुपये थी।

उल्लेखनीय है कि ईडी एसआईटी में सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक है और निदेशालय के निदेशक राजन कटोच एसआईटी के सदस्य भी हैं। रपट के अनुसार एजेंसी फेमा के तहत 4776 मामलों में कार्रवाई कर रही है। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी को अपनी स्थिति रपट 12 मई से पहले उच्चतम न्यायालय में दाखिल करनी है।

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