भविष्य के लिए उत्सर्जन की रूपरेखा विषय पर 5वें सियाम डीजल सम्मेलन में भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अंबुज शर्मा ने यहां कहा, डीजल के लिए गैर-यूरो मानकों से यूरो-4 मानकों तक हमने लंबी यात्रा की है। हमारी अगले दो साल में देश भर में बीएस 4 मानक पेश करने की योजना है। लक्ष्य को लेकर उत्साहित शर्मा ने कहा, यह प्राप्त करने योग्य लक्ष्य है जिसे हम हासिल करने जा रहे हैं।
यूरो-3 मानकों के समतुल्य भारत मानक (बीएस) के चरण तीन मानकों को देश भर में अक्तूबर, 2010 से लागू किया गया जबकि 13 बड़े शहरों में बीएस-4 उत्सर्जन मानकों को अप्रैल 2010 से लागू किया गया है। भविष्य की रूपरेखा के बारे में शर्मा ने कहा, अब यूरो-4 से यूरो-6 मानकों पर जाने की मांग है...पेट्रोलियम क्षेत्र यूरो-5 मानकों से छूट चाहता है और सीधे यूरो 6 मानकों पर जाना चाहता है क्योंकि वे दो बार प्रौद्योगिकी उन्नयन पर निवेश से बचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को डीजल इंजन को ज्यादा कुशल बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे उत्सर्जन मानकों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार की मांग पर महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि वर्ष 2023 तक बीएस-4 (यूरो-4 के समरूप) से सीधे बीएस-6 (यूरो 6 के समरूप) पर जाना वाहन कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी के हिसाब से मुश्किल होगा।