केजरीवाल गैर चांदी आभूषणों पर एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क के खिलाफ आंदोलनरत सर्राफा कारोबारियों का समर्थन कर रहे हैं। जेटली ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए कहा, मैंने मुख्यमंत्री का यह बयान देखा है कि लग्जरी सामान सोने पर कर नहीं लगना चाहिए। मैं इसका स्वागत करूंगा, यदि दिल्ली सरकार पहले सोने पर वैट समाप्त करती है। सर्राफा कारोबारी और कारीगर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क के बजट प्रस्ताव के खिलाफ 2 मार्च से हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि इससे उनका कारोबार प्रभावित होगा।
जेटली ने कहा कि एक तरफ केजरीवाल सर्राफा कारोबारियों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार स्कीम्ड मिल्क जैसे आवश्यक सामान और मिठाई जैसे उत्पादों पर भी कर लगा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसका बड़ा प्रभाव तब पड़ेगा जब मैं लग्जरी उत्पाद को प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से बाहर रखूंगा, तो जीएसटी की मानक दर अपने आप ऊपर चली जाएगी।
उन्होंने कहा, ऐसे में यदि लग्जरी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखा जाता है, तो हमारे लिए 16 से 18 प्रतिशत की दर को कायम रख पाना मुश्किल होगा। ऐसे में इस बात पर बहस होनी चाहिए कि हमारे हर कदम का अर्थव्यवस्था के व्यापक हित पर क्या असर पड़ेगा। केजरीवाल ने कल आंदोलनरत सर्राफा कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार अब व्यापारिक समुदाय के साथ नहीं है, जिसने चुनाव में पार्टी का समर्थन किया था। वहीं भाजपा ने इसके जवाब में कहा कि आप नेता यह टिप्पणी इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वित्त मंत्री ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है।