करीब चार दशक पुरानी हिंदुस्तान डायमंड कंपनी भारत सरकार और डी बीयर्स सेंटेनरी मॉरीशस लि. (डीबीसीएमएल) का साझा उद्यम है और इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इसे समाप्त करने का निर्णय किया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीसीईए ने एचडीसीपीएल को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी है। बैठक के बाद जारी इस बयान के अनुसार एचडीसीपीएल को समाप्त करने से भारतीय हीरा कंपनियों को कच्चे हीरे की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी क्योंकि इतने वर्षों में घरेलू हीरा उद्योग विकसित हो चुका है और कई भारतीय कंपनियों के पास शीर्ष हीरा उत्पादक कंपनियों के साथ साझेदारी में हीरे की खानों के पट्टे हैं।
एचडीसीपीएल के गठन का मकसद भारत में हीरा प्रसंस्करण उद्योग खासकर उन लघु एवं मझोले हीरा आभूषण निर्यातकों को कच्चे हीरे की आपूर्ति की एक मजबूत व्यवस्था करना था जो कच्चे हीरे के लिए सीधे लंदन स्थित डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डीटीसी) तक नहीं पहुंच सकती थीं। डीटीसी, डी बीयर्स की विपणन इकाई है जिसका दुनिया के कच्चे हीरा बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। बयान में यह भी कहा गया है कि कच्चे हीरे की निरंतर आपूर्ति तथा भारत को इंटरनेशनल डायमंड ट्रेडिंग हब बनाने के उद्देश्य के लिए सरकार ने पिछले साल मुंबई में भारत डायमंड बोर्स में विशेष अधिसूचित क्षेत्र (एसएनजेड) सृजित किया है। एचडीसीपीएल का गठन कंपनी कानून 1956, के तहत 1978 में किया गया था।