Advertisement

कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, ईपीएफओ ने ब्याज घटाकर 8.5 फीसदी किया

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी करने का फैसला किया...
कर्मचारियों के लिए बुरी खबर, ईपीएफओ ने ब्याज घटाकर 8.5 फीसदी किया

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर घटाकर 8.5 फीसदी करने का फैसला किया है। ईपीएफओ की शीर्ष निर्णायक संस्था केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक के बाद केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने जानकारी दी।

सीबीटी की बैठक में फैसला

बीते वित्त वर्ष 2018-19 में ईपीएफओ ने अपने करीब छह करोड़ सदस्यों को 8.65 फीसदी ब्याज दिया था। सीबीटी की बैठक में ईपीएफओ की आय पर विचार करने के बाद ब्याज दर का फैसला किया गया। ईपीएफओ सदस्यों के जमा पैसे पर मिलने वाली आय से ब्याज का भुगतान करता है।

ब्याज दर में 0.15 फीसदी की कटौती

गंगवार ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सीबीटी की बैठक में तय किया गया है कि ईपीएफओ चालू वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 8.5 फीसदी ब्याज देगा। इस तरह सदस्यों की ब्याज आय में पिछले साल के मुकाबले 0.15 फीसदी कमी आएगी।

वित्त मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी

इस फैसले के बाद श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की सहमति लेनी होगी। इस मामले में केंद्र सरकार गारंटी देती है, इसलिए वित्त मंत्रालय ईपीएफ ब्याज दर के प्रस्ताव पर विचार करता है ताकि ईपीएफओ की वित्त वर्ष में होने वाली से ही ब्याज का भुगतान सुनिश्चित हो सके और सरकार पर किसी तरह की अतिरिक्त देनदारी न आए।

वित्त मंत्रालय नहीं चाहता ज्यादा ब्याज दिया जाए

वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय से ईपीएफ के ब्याज की दर पब्लिक प्रॉवीडेंट फंड (पीपीएफ) और डाक घर की बचत योजनाओं जैसी सरकारी बचत योजनाओं में देय ब्याज दरों के अनुरूप रखने का आग्रह करता है। बीते वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज दर बढ़ाकर 8.65 फीसदी करने पर वित्त मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी और कई महीनों तक मंजूरी नहीं दी। बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल के बाद मंजूरी मिल पाई थी।

मिला आश्वासन

बैठक की शुरुआत में ही बीएमएस प्रतिनिधियों ने  न्यूनतम पेंशन 5 हजार रुपए की मांग की। जिसपर अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि मामला वित्त मंत्रालय के पास लंबित है और बहुत जल्द इस पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं, बीएमएस ने ईपीएस के 95 पेंशनरों के लिए आयुष्मान भारत चिकित्सा योजना का प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड ने विचार करने के लिए स्वीकार किया।

इस बैठक में बीएमएस ने उच्च पेंशन से संबंधित विभिन्न अदालती मामलों के जल्द निपटारे की मांग की शिकायतों को रखा। साथ ही बीएमएस ने हर राजस्व जिले में ईपीएफओ की गतिविधि का विस्तार करने की मांग की जिसका जिला कार्यालयों को बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था।

पिछले वर्षों में इतना ब्याज दिया

ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दिया था। वित्त वर्ष 2015-18 में ब्याज दर थोड़ी ज्यादा 8.8 फीसदी थी। भविष्य निधि संगठन ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 फीसदी और 2012-13 में 8.5 फीसदी ब्याज दिया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad