इस सेवा की व्यावहारिकता पर काम करने वाली जापानी टीम ने इसके किराया मूल्य मॉडल पर अध्ययन पूरा कर लिया है। इस अध्ययन के मुताबिक, बुलेट ट्रेन का किराया इसी रूट पर अन्य ट्रेनों के एसी-फर्स्ट किराये के दोगुना से कम ही होगा। इस मॉडल के मुताबिक, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया लगभग 2,800 रुपये रखने का प्रस्ताव है जबकि इस रूट पर अन्य ट्रेनों के एसी-फर्स्ट का किराया अभी 1,895 रुपये है।
फिलहाल इस रूट पर ट्रेनों को 534 किलोमीटर का सफर तय करने में लगभग आठ घंटे लगते हैं। बुलेट ट्रेन से यह सफर दो घंटे से कम समय में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है। जापान की तोहोकू शिंकनसेन (हयाबुसा ट्रेन) टोक्यो-शिन-आमेेरी सेक्टर में 713 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 8,000 रुपये का किराया वसूलती है। चीन के बीजिंग-शंघाई रूप पर जिंघू हाई स्पीड रेलवे का द्वितीय श्रेणी का किराया 5,000 रुपये से अधिक है।
कुछ वर्ष पहले तक भारत में इस मार्ग के लिए उतना ही किराया वसूलने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि संभावित किराया मॉडल पर ताजा अध्ययन अधिक वास्तविक तस्वीर पेश करता है। यह रिपोर्ट संभवतः जुलाई में रेल मंत्रालय को सौंपी जाएगी। प्रस्तावित रूट पर सफर करने वाले लोगों का सर्वे करने वाली जापानी टीम ने उनसे पूछा है कि तकरीबन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन सेवा के लिए वे कितना किराया देना पसंद करेंगे। सूत्रों ने बताया कि किराया मॉडल की जटिलता के बीच जनता की राय भी अलग-अलग थी।
टीम का अनुमान है कि इस रूट पर सन 2023 तक लगभग 40 हजार लोग रोजाना सफर करने लगेंगे जिस समय बुलेट ट्रेन सेवा शुरू हो जाने की उम्मीद की जा रही है। सन 2023 तक इस रूट के एसी-1 के किराये की तुलना बुलेट ट्रेन के किराये से की जाएगी। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि टिकट की कीमत ज्यादा रखने से लोग विमान यात्रा को ही पसंद करेंगे जबकि कम किराया रहने पर अधिकतम राजस्व अर्जित करने की आस छोड़नी होगी।