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पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज 13 रुपये तक बढ़ी, वृद्धि नहीं होती तो 50 रुपये रह जाता मूल्य

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। इससे पहले भी...
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज 13 रुपये तक बढ़ी, वृद्धि नहीं होती तो 50 रुपये रह जाता मूल्य

केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। इससे पहले भी सरकार इन उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी तीन-तीन रुपये बढ़ा चुकी है। अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ाती तो पेट्रोल डीजल की कीमत गिरकर 50 रुपये प्रति लीटर के आसपास आ जाती। अगर राज्यों ने भी वैट में बढ़ोतरी नहीं की होती तो दाम और कम हो जाते। एक्साइज ड्यूटी ताजा बढ़ोतरी से खुदरा मूल्य नहीं बढ़ेंगे क्योंकि तेल कंपनियों ने सरकार के निर्देश पर पिछले 16 मार्च से खुदरा दाम नहीं घटाए जबकि कच्चे तेल में भारी गिरावट आई।

कुल एक्साइज ड्यूटी नई ऊंचाई पर

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स की अधिसूचना के अनुसार, स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर दो रुपये बढ़ाई गई है। रोड सेस में 8 रुपये का इजाफा किया गया है। डीजल के मामले में स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी 5 रुपये और रोड सेस 8 रुपये बढ़ाया गया है। इसके साथ ही पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 32.98 रुपये और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इससे केंद्र सरकार 1.6 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।

2014 में मोदी के आने पर बहुत कम थी ड्यूटी

जब मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभाली थी, उस समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी। मार्च के बाद सरकार ने दूसरी बाद एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने का फायदा उपभोक्ताओं को देने के बजाय सरकार ड्यूटी बढ़ा रही है। पिछली बार पेट्रोल और डीजल पर तीन-तीन रुपये प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ा थी जिससे सरकार को 39,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।

कच्चा तेल सस्ता होने पर नहीं घटे दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम दो दशक के निचले स्तर पर गिरने के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 16 मार्च से घटाई नहीं गई हैं। तब से कच्चे तेल के मूल्य की गिरावट का तेल कंपनियों का मिल रहे फायदे से ताजा एक्साइज ड्यूटी वृद्धि को एडजस्ट किया जाएगा।

छह गुना हो गया था तेल कंपनियों का मार्जिन

एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पहले कंपनियां कच्चे तेल की गिरावट का पूरा फायदा उठा रही थीं। आमतौर पर तेल कंपनियों को करीब तीन रुपये प्रति लीटर का फायदा मिलता था। लेकिन कच्चा तेल सस्ता होने के कारण उनका मार्जिन छह गुने तक हो गया। कंपनियां पेट्रोल और डीजल पर 17-18 रुपये प्रति लीटर मार्जिन पा रही थी। एक्साइज ड्यूटी बढ़ने के बाद उनका मार्जिन पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 3 रुपये प्रति लीटर रह जाएगा। इसी वजह से सरकारी तेल कंपनियों के शेयर में आज सात फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई।

कंपनियों का बेस प्राइस 18 रुपये लीटर

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस सिर्फ 17.96 रुपये प्रति लीटर है। भाड़ा और डीलर कमीशन जोड़कर इसकी कीमत 18.28 रुपये बनती है जबकि एक्साइज ड्यूटी और वैट जोड़कर इसका खुदरा मूल्य 71.26 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह दिल्ली डीजल का बेस प्राइस 18.49 रुपये प्रति लीटर जबकि भाड़ा और डीलर कमीशन जोड़कर कीमत 18.78 रुपये हो जाती है जबकि खुदरा मूल्य 69.39 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह कच्चे तेल मूल्य के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में गिरावट के कारण भारत की क्रूड ऑयल बास्केट का अप्रैल में औसत मूल्य 20 डॉलर से भी कम यानी 19.90 डॉलर प्रति बैरल (159 लीटर) रह गया।

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