जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 30 जून को होगी।जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में 5 प्रमुख नियमों को मंजूरी दी गई है। इनमें एडवांस रूलिंग, अपील एंड रिवीजन, एसेसमेंट, एंटी प्रॉफिटियरिंग और फंड सेटलमेंट प्रमुख रहे। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने सरकारी और प्राइवेट लॉटरी पर टैक्स की अलग अलग दरें तय की हैं। स्टेट रन यानी सरकारी लॉटरी पर 18 फीसद और सरकार की ओर से अधिकृत प्राइवेट लॉटरी पर 28 फीसद की दर से टैक्स लगेगा।
सितंबर से हर महीने दाखिल करना होगा रिटर्न जीएसटी काउंसिल ने रिटर्न दाखिल करने वालों को थोड़ी राहत दी है। जीएसटी की तैयारियों को लेकर समय मांगने वालों को हर महीने रिटर्न दाखिल करने के लिए शुरुआत के दो महीनों में छूट देने का फैसला किया गया है। यानी अब सितंबर से हर महीने रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा। जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल की तैयारियों को देखते हुए इस पर कोई फैसला नहीं किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि ई-वे बिल पर अभी तैयारियां पूरी नहीं है इसमें अभी 4 से 5 महीने का वक्त लगेगा।
महंगे होटल रुम पर ज्यादा टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने महंगे होटल में ऊंची दर से टैक्स लगाने का फैसला किया है। यानी 7,500 रुपए से ज्यादा किराए वाले होटलों में 28 फीसद टैक्स लगेगा। वहीं 2,500 रुपए से लेकर 7,500 रुपए किराए वाले होटलों में 15 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाएगा। एसोचैम ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जीएसटी के क्रियान्वयन को टालने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में एसोचैम ने लिखा है कि आईटी नेटवर्क के तैयार न होने की वजह से करदाताओं को जीएसटी से जुड़ने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उद्योग संगठन के मुताबिक देश में मौजूदा कर व्यवस्था से जुड़े बहुत से लोग अभी तक आईटी टूल्स और पंजीकरण प्रक्रिया से अनजान होने की वजह से जीएसटी नेटवर्क से नहीं जुड़ पाए हैं। इससे पहले11 जून को हुई बैठक में 66 प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम किया गया था।