Advertisement

जीएसटी: बचे हुए माल की कीमतों पर सरकार ने दूर किया भ्रम, जानिए अहम बातें

पुराने माल पर अब पहले के एमआरपी के साथ जीएसटी के बाद कीमत में हुए बदलाव की अलग से जानकारी 30 सितंबर तक स्टिकर के जरिए देनी होगी।
जीएसटी: बचे हुए माल की कीमतों पर सरकार ने दूर किया भ्रम, जानिए अहम बातें

सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद बचे हुए माल पर कीमत को लेकर भ्रम दूर किया।

-अब इसके तहत प्रकाशित एमआरपी के साथ संशोधित कीमत को लेकर स्टिकर के उपयोग की अनुमति दी गयी है।

-इसका मकसद बिक्री मूल्य में बदलाव को दिखाना है। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि पुराना एमआरपी बचे हुए माल पर अनिवार्य रूप से दिखाना है और नई दर को स्टिकर के जरिए दिखाया जा सकता है।

-यह अनुमति तीन महीने के लिए दी गयी है।

- जिन बचे हुए माल / वस्तुओं पर कीमत बढ़ी है, विनिर्माता, पैकिंग करने वाले या आयातक को दो या अधिक अखबारों में विज्ञापन देकर कीमत में बदलाव के बारे में सूचना देनी होगी।

-सरकार ने यह फैसला कई कंपनियों के पास एक जुलाई से लागू जीएसटी से पहले के बचे हुए माल को देखते हुए लिया है।

क्यों है जरूरी?

बता दें कि जीएसटी लागू होने से पहले के सामान पर पहले के सभी करों के साथ एमआरपी है लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के साथ वस्तुओं के खुदरा मूल्य में बदलाव आया है।

हालांकि 30 सितंबर के बाद डिब्बाबंद वस्तुओं पर प्रकाशित एमआरपी पर अनिवार्य रूप से जीएसटी दर की जानकारी देनी होगी और अलग से स्टिकर की अनुमति नहीं होगी।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad