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आयकर विभाग ने 18 बड़े ‌डिफाल्टरों के नाम बताए

सरकार ने उन व्यक्तिगत और संस्‍थागत करदाताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जो आयकर विभाग का करोड़ों रुपया दबाकर बैठे हैं। पहले दौर में ऐसे 18 नाम सार्वजनिक किए गए हैं। आयकर विभाग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के निर्देश पर इन बकायेदारों के नाम का खुलासा किया है ताकि इनसे वसूली में मदद मिल सके।
आयकर विभाग ने 18 बड़े ‌डिफाल्टरों के नाम बताए

जिनके नामों को सार्वजनिक किया गया है उनमें से 11 गुजरात के हैं। इन बकायेदारों पर विभाग का 500 करोड़ रुपये से अधिक कर बकाया है।

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,  इन नामों को सार्वजनिक करने का उद्देश्य यह है कि आम आदमी ऐसे लोगों की जानकारी देने में विभाग की मदद कर सके। यह कदम ऐसे लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है जो कानून के खिलाफ काम कर रहे हैं। सार्वजनिक किए गए नामों में गोल्डसुख टेड और सोमानी सीमेंट्स भी शामिल हैं। आयकर विभाग के मुताबिक, इन इकाइयों ने जानबूझकर कर की अदायगी नहीं की है। नोटिस में कहा गया है, डिफॉल्टरों को उनके बकाया करों का तत्काल भुगतान करने की सलाह दी जाती है।

प्रकाशित सूची में शामिल कंपनियों में सोमानी सीमेंट पर 27.47 करोड़ रुपये, ब्लू इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी पर 75.11 करोड़ रुपये, एप्पलटेक सॉल्यूशंस पर 27.07 करोड़ रुपये, ज्यूपिटर बिजनेस पर 21.31 करोड़ रुपये और हीरक बायोटेक पर 18.54 करोड़ रुपये का कर बकाया है। अन्य गुजरात स्थित कंपनियों में आइकॉन बायो फार्मा पर 17.69 करोड़ रुपये, बनयान एंड बेरी एलॉय पर 17.48 करोड़ रुपये, लक्ष्मीनारायण टी. ठक्कर पर 12.49 करोड़ रुपये, विराज डाइंग एंड प्रिंटिंग पर 18.57 करोड़ रुपये, पूनम इंडस्ट्रीज पर 15.84 करोड़ रुपये, कुंवर अजय फूड पर 15 करोड़ रुपये की कर देनदारी है। जयपुर स्थित गोल्डसुख टेड इंडिया पर 75.47 करोड़ रुपये, कोलकाता स्थित विक्टर क्रेडिट एंड कंस्ट्रक्शन पर 13.81 करोड़ रुपये, मुंबई स्थित नोबल मर्केंडाइज पर 11.93 करोड़ रुपये कर बकाया है।

एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा,  यह पहली बार है जब विभाग ने जानबूझकर कर की अदायगी नहीं करने वालों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिन पर 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की कर देनदारी है। कई मामलों में निर्धारिती लापता हैं। विभाग ने सार्वजनिक नोटिस में पैन नंबर और इन चूककर्ताओं के अंतिम ज्ञात पते उपलब्ध कराए हैं। अधिकारी ने कहा कि विभाग जानबूझकर चूक करने वालों के नाम सार्वजनिक करने का समय समय पर प्रस्ताव करता रहा है और चालू वित्त वर्ष के अंतिम दिन यह कदम उठाया गया है।

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