वाशिंगटन की एक अनुसंधान एवं सलाहकार संस्थान ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी यानी जीएफआई द्वारा जारी रिपर्ट के मुताबिक काला धन विदेश भेजने के मामले में चीन सालाना 139 अरब डालर के साथ इस सूची में शीर्ष पर है जिसके बाद रूस (104 अरब डालर सालाना) और मेक्सिको (52.8 अरब डालर सालाना) का स्थान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2013 के दौरान विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में गैरकानूनी धन, कर चोरी, अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से पैदा रिकार्ड 1,100 अरब डालर कालाधन विदेश में जमा किया गया। रिपोर्ट में 2013 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं।
जीएफआई के अनुमान के मुताबिक कुल मिलाकर 2004 से 2013 के दौरान भारत से 510 अरब डालर की राशि भारत से बाहर गई जबकि चीन से 1,390 अरब डालर और रूस से 1,000 अरब डालर का कालाधन विदेश गया। जीएफआई की विकासशील देशों से गैरकानूनी वित्तीय प्रवाह: 2004-2013 नाम की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पहली बार 2011 में गैरकानूनी वित्तीय प्रवाह 1,000 अरब डालर को पार कर गया और 2013 में यह 1,100 अरब डालर पहुंच गया। सन 2004 के मुकाबले यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी है जबकि 465.3 अरब डालर की राशि विदेश भेजी गई थी।
जीएफआई के अध्यक्ष और वित्तीय अपराध विशेषज्ञ रेमंड बेकर ने कहा इस अध्ययन से स्पष्ट है कि गैरकानूनी धन का विदेश जाना विश्व के विकासशील तथा उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सबसे नुकसानदेह समस्या है। जीएफआई ने अपनी रपट में सुझाव दिया है कि विश्व नेताओं को वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अस्पष्टता को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे एेसे गैरकानूनी धन के प्रवाह में मदद मिलती है।