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भारत में भी फॉक्‍सवैगन पर संकट, नोटिस भेजेगी सरकार

जर्मनी की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्‍सवैगन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उत्‍सर्जन मापने वाले सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ को लेकर विवादो में घिरी फॉक्‍सवैगन को लेकर भारत सरकार ने भी सख्‍त रुख अपना लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, वाहनों में सड़क और प्रयोगशाला के उत्सर्जन स्‍तर में भारी अंतर फर्क को लेकर आज सरकार फाॅक्सवैगन समूह को नोटिस भेज सकती है।
भारत में भी फॉक्‍सवैगन पर संकट, नोटिस भेजेगी सरकार

देश में उत्सर्जन परीक्षण करने वाली एजेंसी एआरएआई ने फाॅक्सवैगन की कारों के सड़क पर चलने के दौरान उत्सर्जन स्तर और प्रयोगशाला में मापे गए स्तर में काफी अंतर पाया है। एजेंसी ने कंपनी के तीन माॅडलों -- जेट्टा, आडी ए4 और वेंटों में यह परीक्षण किया था। 

भारी उद्योग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अंबुज शर्मा ने बताया कि भारतीय वाहन अनुसंधान संघ (एआरएआई) ने फॉक्‍सवैगन के सड़क पर चलने वाले वाहनों और प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के स्तर में काफी अंतर पाया। हम आज फाक्सवैगन कंपनी समूह को नोटिस जारी कर रहे हैं कि वह इस बारे में तकनीकी जानकारी दें और अपनी स्थिति स्पष्ट करें। शर्मा ने कहा, कंपनी के डीजल वाहनों, जेट्टा, आडीए4 और वेंटों माॅडलों के उत्सर्जन स्तर में काफी अंतर पाया गया। फाक्सवैगन को नोटिस का जवाब देने के लिये 15 से 21 दिन का समय दिया जाएगा। कंपनी के जर्मन स्थित मुख्यालय से विस्तृत जवाब मिलने की उम्मीद है।

फॉक्‍सवैगन वाहनों के उत्सर्जन स्तर के नतीजे एआरएआई द्वारा भारी उद्योग मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट का हिस्सा है। जर्मनी की कंपनी फाक्सवैगन के वाहनों में अमेरिका और कई अन्य देशों में उत्सर्जन घोटाला सामने आने के बाद एआरएआई ने भारत में कंपनी के वाहनों के उत्सर्जन स्तर की जांच की थी। मंत्रालय को एआरएआई की रिपोर्ट कल सौंपी गई। 

 

 

 

 

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