पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार को अनिवार्य करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि पैन कार्ड के लिए आधार को क्यों जरूरी किया गया है, जबकि सर्वोच्च अदालत आधार को वैकल्पिक रखने के लिए कह चुकी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कई लागे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैन कार्ड बनवा रहे थे। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड थे। इनका इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को फंड डायवर्ट करने में किया जा रहा था। ऐसी चीजों को रोकने का एक ही विकल्प है कि आधार कार्ड को जरूरी किया जाए।
इस पर पीठ ने कहा, "क्या इसका उपाय यह है किआपके पास पैन बनवाने के लिए आधार होना चाहिए? इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया?" इसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि पहले भी पाया गया था कि लोग फर्जी पहचान-पत्रों के आधार पर मोबाइल सिम खरीद रहे थे। तब शीर्ष अदालत ने सरकार से इस पर लगाम कसने को कहा था।
इससे पहले 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सामाजिक योजनाओं के लाभ लेने में आधार को अनिवार्य नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 के बजट के वित्त विधेयक के जरिए सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है जबकि पैन को आधार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।