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वस्तु एवं सेवाकर विधेयक लोकसभा में पारित

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने के प्रावधान वाला संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया। हालांकि राज्यसभा में इसके भविष्य को लेकर अभी अनिश्चितता बरकरार है। इस विधेयक को मंगलवार को चर्चा के लिए लोकसभा में लिया गया था और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी दलों से दलगत भावना से ऊपर उठकर इसका समर्थन करने की अपील की थी।
वस्तु एवं सेवाकर विधेयक लोकसभा में पारित

बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते और जीएसटी लागू करने से संबंधित दो संविधान संशोधन विधेयक को पारित करना सुनिश्चित कराने के लिए भाजपा ने शुक्रवार तक दोनों सदनों में अपने सांसदों के उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है, साथ ही सभी दलों से इन पर सहयोग मांगा है। दो संविधान संशोधन विधेयकों को देशहित में बताते हुए सरकार ने  कहा कि जीएसटी लागू करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर आज लोकसभा में मतविभाजन होगा जबकि बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते को अमलीजामा पहनाने वाले विधेयक राज्यसभा में लिया जायेगा।

एजेंसी की खबरों के मुताबिक  भाजपा अपने सभी सांसदों को शुक्रवार तक महत्वपूर्ण विधेयकों पर मतविभाजन के दौरान उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी कर से जुड़ा एक क्रांतिकारी विधान है। यह कई सालों से लंबित है और पिछली सरकार इसे लाई थी। हम मानते हैं कि इसे वर्तमान सत्र में ही पारित किया जाना चाहिए। इस विधेयक को पारित कराना राष्ट्र हित में है।

भाजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी  सांसदों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने विधेयक का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा, यह क्रांतिकारी कराधान सुधार है जो राजस्व नुकसान को रोकने, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और आम लोगों को कई करों के बोझ और परेशानी से मुक्त करायेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की ओर से उठायी गई चिंताओं को अधिक से अधिक दूर करने का प्रयास किया गया है और अगर कुछ मुद्दे रह जाते हैं तब इन्हें बाद में लिया जायेगा। बांग्लादेश के साथ सीमा भूमि समझौते को अमलीजामा पहनाने वाले विधेयक के बारे में उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र हित में है।

उन्होंने कहा कि इससे हमारी सीमाएं सुरक्षित होेंगी, बाड़ लगाई जा सकेगी और घुसपैठ पर रोक लगायी जा सकेगी। भारत और बांग्लादेश के बीच दूरी कम होगी और अच्छे संबंध बनाये रखे जा सकेंगे। मंत्री ने कहा कि हमने कांग्रेस के असम समझौते को शामिल करने के सुझाव को भी स्वीकार कर लिया है।

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